रायपुर. राजधानी रायपुर के सेंट्रल जेल में लापरवाही मामले की जांच के निर्देश जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने दिए हैं. साथ ही 3 अफसरों को नोटिस भेजकर 24 घंटे में जवाब मांगा है. सहायक जेल अधीक्षक खुशबू मिश्रा, उप जेल अधीक्षक मोखनाथ प्रधान और प्रधान प्रहरी लेखराम ध्रुव को नोटिस भेजा गया है.
दरअसल सेंट्रल जेल में बंद उम्रकैद के आरोपी को रिहा कर दिया गया था. इस मामले को लेकर जेल में हड़कंप मचने के बाद 8 दिन बाद आरोपी को फिर उसके गांव से पकड़कर लाया गया था. उम्रकैद का कैदी महावीर बलौदाबाजार जिले के मड़वा गांव का रहने वाला है.
जानिए क्या है पूरा मामला
बलौदाबाजार जिले के मड़वा गांव निवासी महावीर पिता छतराम को हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा हुई थी. सजा की 14 साल की अवधि पूरी होने के बाद अच्छे आचरण के लिए छह साल की सजा माफी का प्रस्ताव रायपुर जेल ने सरकार को भेजा था, मगर सरकार ने सजा कम करने से इंकार कर दिया था. इसके बाद भी जेल अधिकारियों ने 4 जून को महावीर को रिहा कर दिया. कैदियों के बीच ये बात फैलने लगी कि बंदी को बिना सरकार की अनुमति सजा माफी देते हुए रिहा कर दिया गया है. इस पर जेल के अधिकारियों को लगा कि बात कहीं उपर तक पहुंच जाएगी तो वे नप जाएंगे. इसके चलते जेल के कुछ कर्मचारियों को महावीर के गांव मड़वा भेजा. उनके साथ आसपास के पूर्व में रिहा हुए कुछ बंदी भी थे. महावीर घर में मिल गया. उसे बताया गया कि जेल में एकाध कागजी औपचारिकता रह गई है, उसे पूरा कराकर तुम्हें छोड़ दिया जाएगा. जेल पहुंचने के बाद महावीर को फिर बैरक में डाल दिया गया.