भारतीय रेलवे पालतू जानवर पालने वालों के लिए जल्द ही एक बड़ी खुशखबरी लेकर आने वाली है. रेल मंत्रालय पालतू कुत्ते व बिल्ली की टिकट बुकिंग के लिए ऑनलाइन बुकिंग सुविधा की शुरुआत करने वाली है और इसका प्रपोजल तैयार कर लिया गया है.
IRCTC सॉफ्टवेयर में बदलाव की तैयारी
पालतू कुत्ते-बिल्ली की टिकट बुकिंग का अधिकार टीटीई को भी देने का विचार हो रहा है. अभी तक पेट पैरेंट्स को अपने पालतू कुत्ते और बिल्लियों को ट्रेन में ले जाने के लिए पार्सल काउंटर पर जाकर फर्स्ट क्लास एसी टिकट, कैबिन व कूप की बुकिंग करनी पड़ती है. यह बुकिंग यात्रा वाले दिन ही होती थी. यात्रियों को अपने पालतू कुत्ते और बिल्लियों को ब्रैक वैन में एक बॉक्स में ले जाने की अनुमति थी. इससे पेट पैरेंट्स को अपने पेट के साथ यात्रा करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
इसी को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्रालय पालतू जानवरों के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुरू करने पर विचार कर रहा है. जिसके लिए आईआरसीटीसी सॉफ्टवेयर में बदलाव किया जा रहा है. जैसे ही सॉफ्टवेयर में यह बदलाव शुरू होगा और इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जाएगी आप अपने पेट के लिए ऑनलाइन टिकट बुक कर सकेंगे.
इसके लिए यात्री को आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर अपना पीएनआर और मोबाइल नंबर भरना होगा. अधिकृत नंबर पर ओटीपी आएगा. ओटीपी दर्ज होते ही बुकिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. प्रक्रिया पूरी होने के बाद मोबाइल फोन पर बुकिंग का संदेश आ जाएगा. यह संदेश चार्ट बनने के बाद टीटीई के हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) पर भी पहुंच जाएगा. आईआरसीटीसी की वेबसाइट पार्सल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएमएस) से जुड़ा रहेगा. टिकट बुकिंग के समय पीएमएस के माध्यम से ही किराया आदि का निर्धारण होगा. बुकिंग की वापसी नहीं होगी.
एसएलआर कोच में भी जा सकते हैं पशु
अधिकारी ने बताया कि कुत्ते-बिल्ली को अपने साथ ट्रेन में ले जाने के लिए दूसरा उपाय गार्ड के पास एसएलआर कोच होता है. इसमें टिकट बुक करने के बाद एसएलआर कोच में पशु को रखा जाता है. ट्रेन के ‘स्टॉपेज पर पशु मालिक अपने पालतू को पानी, खाना आदि दे सकता है. हालांकि बड़े पालतू पशु जैसे घोड़ा, गाय, भैंस आदि को मालगाड़ियों में बुक करके भेजा जाता है. इसमें उनकी देखभाल के लिए एक व्यक्ति का होना अनिवार्य होता है. पशुओं को किसी प्रकार के नुकसान की जिम्मेदारी उसके मालिक की होती है, रेलवे की कोई जवाबदेही नहीं होती है.
अब तक यह थी व्यवस्था
पहले यात्रियों को अपने साथ पालतू जानवरों को ले जाने के लिए उन्हें एसी प्रथम श्रेणी और प्रथम श्रेणी के डिब्बों में ही दो या चार बर्थ वाले पूरे कूपे को बुक करना होता था. इसके लिए शुल्क भी ज्यादा था. अगर बुक न होने पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान था. टिकट के दाम से छह गुना के बराबर टीटीई जुर्माना वसूल करता था. साथ ही अभी तक यात्रियों को एसी टू-टियर, एसी थ्री-टियर, एसी चेयर कार, स्लीपर क्लास और द्वितीय श्रेणी के डिब्बों में पालतू जानवर ले जाने की अनुमति नहीं थी.