अब न्याय के लिए नहीं मिलेगी ‘तारीख पर तारीख’ : वकीलों को समय सीमा में करनी होगी बहस, SC जारी कर सकता है डेडलाइन

नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्टर सनी देओल(Sunny Deol) की हिट फिल्म दामिनी का एक डायलॉग सभी को याद होगा, ‘तारिख पर तारिख’… भारत की अदालतों से न्याय मिलने में होने वाली देरी की वजह से यह डायलॉग फिल्म में उपयोग किया गया था। लेकिन अब यह बदलने वाला है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में मुकदमों की सुनवाई पहले के मुकाबले तेज हो सकती है, जिससे लोगों को न्याय के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। शीर्ष अदालत ने वकीलों से कहा है कि वे पहले से बताएं कि वे किसी मामले में अपनी बहस कितने समय में पूरी करेंगे। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह बात कही है।

जस्टिस सूर्यकांत ने यह भी साफ किया कि यह सिर्फ एक सलाह होगी। इससे मुकदमों की सुनवाई समय पर पूरी हो सकेगी। उन्होंने कहा कि यह सलाह गर्मी की छुट्टियों के बाद कोर्ट खुलने पर जारी की जाएगी। बता दें कि जस्टिस कांत, जस्टिस बीआर गवई के बाद अगले चीफ जस्टिस (CJI) बनने वाले हैं।

यह बात उस समय सामने आई जब कोर्ट चीफ इलेक्शन कमिश्नर (CEC) और इलेक्शन कमिश्नर्स (EC) एक्ट, 2023 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। इस एक्ट के जरिए CJI को EC की नियुक्ति करने वाली समिति से हटा दिया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने मामले की जल्द सुनवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यह मामला पहले के दो सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से मिलता-जुलता है।जस्टिस कांत ने कहा कि बेंच मामले की सुनवाई शुरू करना चाहती है और चाहती है कि EC में आगे की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होने से पहले इसे खत्म कर दिया जाए।

जस्टिस कांत ने कहा कि अगर आगे की चयन प्रक्रिया शुरू होने से पहले विवाद सुलझ जाए तो बेहतर होगा। बेंच ने समय की कमी के कारण बुधवार को इस मुद्दे को उठाने में असमर्थता जताई। भूषण ने जब गुरुवार को मामले को उठाने का आग्रह किया, तो जस्टिस कांत ने बताया कि बेंच गुरुवार को तीन सदस्यों वाली विशेष बेंच के सामने एक आंशिक रूप से सुने गए मामले में व्यस्त है। भूषण ने फिर बेंच से अगले हफ्ते मामले की सुनवाई करने का आग्रह किया। बेंच ने कहा कि भले ही पूरा अगला हफ्ता विविध मामलों के लिए सूचीबद्ध है, कोर्ट ‘एक्सप्लोर’ करेगा और अगले हफ्ते मामले को उठाने की पूरी कोशिश करेगा।

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