TRAI New Tariff Plan : भारत में मोबाइल यूजर्स मनपसंद और किफायती प्लान सर्च करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. क्योंकि हाल ही में प्राइवेट टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स की तरफ से टैरिफ की कीमत में बढ़ोत्तरी की गई है. TRAI की तरफ से अब यूजर्स को राहत देने के लिए नया कंसल्टेशन पेपर लाया गया है. इसमें रिचार्ज प्लान को लेकर स्टेकहोल्डर्स से सलाह मांगी गई है. तो चलिये इसके बारे में आपको भी बताते हैं.
दरअसल, इसमें वॉयस और SMS पैक को वापस लाने पर स्टेकहोल्डर्स से उनका विचार मांगा गया है. अगर आप मौजूदा रिचार्ज पोर्टफोलियो देखेंगे, तो आपको ज्यादातर प्लान्स डेटा पर फोकस नजर आएंगे. यानी यूजर को डेटा की जरूरत हो या नहीं उन्हें ये खरीदना ही पड़ता है.
क्या है ट्राई का कहना? (TRAI New Tariff Plan)
ऐसे में ट्राई सिर्फ कॉलिंग और SMS वाले प्लान्स को वापस लाने पर कंपनियों का विचार मांगा है. एजेंसी ने कहा, ‘ऐसा देखने को मिल रहा है कि बाजार में मौजूद ज्यादातर बंडल टैरिफ प्लान्स वॉयस, डेटा, SMS और OTT के सर्विस के मिले हुए विकल्प हैं, जो बड़ी संख्या में सब्सक्राइबर्स की जरूरत को पूरा नहीं करते हैं.’
‘ऐसी धारणा है कि सब्सक्राइबर्स को उन सर्विसेस के लिए भुगतान करना पड़ रहा है, जो उनके लिए जरूरी नहीं है.’ TRAI ने अपने कंसल्टेशन पेपर में ये बातें कही है. इसके साथ ही ट्राई ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को वाउचर्स की कलर कोडिंग को जारी करने का भी प्रस्ताव रखा है.
डिजिटल दौर में आएंगे पुराने वाउचर?
ट्राई ने अपने प्रस्ताव में टेलीकॉम कंपनियों को याद दिलाया है कि कुछ साल पहले तक कैसे बाजार में अलग-अलग सेवाओं के लिए रिचार्ज प्लान मिला करते थे. बकौल ट्राई- पहले टेलीकॉम कंपनियां अलग रंगों में वाउचर लाती थीं. जैसे टॉप अप के लिए हरे रंग में और कॉम्बो प्लान के लिए नीले रंग में वाउचर आते थे. अब डिजिटल हो जाने से वाउचर चलन से बाहर हो गए हैं. ट्राई ने कंपनियों से पूछा है कि क्या डिजिटल दौर में कंपनियां रंगों के हिसाब से प्लान ऑफर कर सकती हैं.
दूरसंचार नियामक ने टेलीकॉम कंपनियों से अपने कंसल्टेशन पेपर में पूछा है कि क्या डिजिटल मीडियम में कलर कोडिंग सही कदम होगा? इसके लिए स्टेकहोल्डर्स से 16 अगस्त 2024 तक अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए कहा है. इसके बाद 23 अगस्त 2024 तक इसके खिलाफ काउंटर प्रतिक्रिया जारी की जा सकती है.