अधिकारी-कर्मचारियों को सालों से लंबित ग्रेच्युटी राशि का हुआ भुगतान…

रायपुर। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव की पहल पर भिलाई नगर निगम में वर्ष 2018 से लंबित सेवानिवृत्त व दिवंगत अधिकारियों-कर्मचारियों की ग्रेच्युटी का भुगतान किया गया है। वर्षों से लंबित जीपीएफ/सीपीएफ, अवकाश नगदीकरण, चिकित्सा प्रतिपूर्ति और एरियर्स का भी भुगतान अधिकारियों-कर्मचारियों को किया गया है। लंबे समय से इन राशियों का इंतजार कर रहे भिलाई नगर निगम के सेवानिवृत्त कार्मिकों तथा मृत अधिकारियों-कर्मचारियों के परिजनों ने इस पर खुशी जताते हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की है। उन्होंने भिलाई नगर निगम के स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ तथा छत्तीसगढ़ कर्मचारी कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ श्री साव के रायपुर स्थित निवास कार्यालय में मुलाकात कर आभार जताया और धन्यवाद दिया।

भिलाई नगर निगम के सेवानिवृत्त व दिवंगत अधिकारियों-कर्मचारियों की ग्रेच्युटी के वर्ष 2018 से भुगतान नहीं होने की बात संज्ञान में आते ही उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने विभागीय अधिकारियों को इसके लिए निर्देशित किया था। उन्होंने पिछले दो वर्षों से लंबित अधिकारियों-कर्मचारियों के जीपीएफ/सीपीएफ, अवकाश नगदीकरण, चिकित्सा प्रतिपूर्ति और एरियर्स के भी भुगतान की व्यवस्था के निर्देश दिए थे। उप मुख्यमंत्री साव के अनुमोदन के बाद राज्य शासन ने ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए संचित निधि से 10 करोड़ 85 लाख 36 हजार रुपए तथा जीपीएफ/सीपीएफ एवं अवकाश नगदीकरण के भुगतान के लिए लीज फ्री-होल्ड की राशि से चार करोड़ 36 लाख 38 हजार रुपए के भुगतान की अनुमति भिलाई नगर निगम को दी है। विगत 3 अप्रैल को राज्य शासन द्वारा अनुमति प्रदान किए जाने के दो दिनों के भीतर ही 300 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों तथा उनके परिजनों के खातों में 15 करोड़ रुपए अंतरित कर दी गई है।

ग्रेच्युटी एवं अन्य राशि मिलने से खुश सेवानिवृत्त कार्मिकों तथा मृत अधिकारियों-कर्मचारियों के परिजन, भिलाई नगर निगम के स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ तथा छत्तीसगढ़ कर्मचारी कांग्रेस के पदाधिकारियों ने उप मुख्यमंत्री  अरुण साव से रायपुर स्थित उनके निवास कार्यालय में मुलाकात कर आभार जताया और धन्यवाद दिया। ये सभी लंबे समय से इन राशियों के भुगतान की बाट जोह रहे थे। किसी के यहां बेटी की शादी थी, तो किसी को इलाज या मकान बनाने के लिए राशि की जरूरत थी।

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