साथ ही उन्होंने स्पीकर ओम बिरला को संविधान की भी याद दिलाई. राहुल गांधी ने कहा, ‘सरकार के पास राजनीतिक ताकत है, लेकिन विपक्ष भी भारत की ही आवाज रखता है. इस बार विपक्ष की ताकत बीते चुनावों के मुकाबले ज्यादा मजबूत है. विपक्ष चाहेगा कि हम आपके साथ सदन को चलने में सहयोग करें.’ राहुल गांधी ने कहा कि अहम यह नहीं है कि सदन कैसे चल रहा है. यह जरूरी है कि देश की आवाज को कैसे उठाया जा रहा है. इस चुनाव ने दिखाया है कि भारत के लोग चाहते हैं कि संविधान की रक्षा हो. हमें यकीन है कि आपकी ओर से विपक्ष को बोलने का मौका देकर संविधान की रक्षा की जाएगी.
राहुल गांधी के बाद बारी अखिलेश यादव की थी. उन्होंने कहा कि आपका अंकुश सत्ता पक्ष पर भी होना चाहिए. सभी को बोलने का समान अवसर मिलना चाहिए. अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि यह नया सदन है और हमें उम्मीद थी कि आपकी कुर्सी काफी ऊंची होगी, लेकिन ऐसा नहीं है. हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि सदन को चलाने में पूरा सहयोग करेंगे. बता दें कि समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव में 37 सीटें मिली हैं. वह भाजपा और कांग्रेस के बाद लोकसभा में देश का तीसरा सबसे बड़ा दल है.