CBI ने 30 जुलाई को अपना चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट (पूरक आरोपपत्र) दाखिल की थी, जिसमें केजरीवाल, पाठक, अमित अरोड़ा, विनोद चौहान, आशीष माथुर और पी. सरथ रेड्डी को मामले में आरोपी बनाया गया था.
CBI ने अपनी इस चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल को खत्म हो चुकी दिल्ली शराब नीति 2021-22 के गठन और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के मामले में आरोपी बनाया है.
CBI ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया कि केजरीवाल मामले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक हैं और दक्षिण समूह के संपर्क में थे, जिसमें के. कविता, अरुण पिल्लई, राघव मगुंटा, बुचीबाबू गोरंटला, अभिषेक बोइनपल्ली , पी. सरथ रेड्डी और बेनॉय बाबू शामिल थे.
CBI ने यह भी दावा किया कि रिश्वत के तौर पर जो पैसा दिया गया, वह केजरीवाल की मर्जी के मुताबिक खर्च किया गया, क्योंकि पूरा पैसा आम आदमी पार्टी के फंड में भेजा गया. एजेंसी ने यह भी कहा कि केजरीवाल ने गोवा के 40 निर्वाचन क्षेत्रों में प्रत्येक उम्मीदवार को 90 लाख रुपए देने का वादा किया था. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को तय की है.
इससे पहले CBI ने पिछले महीने अदालत को बताया था कि उसने भ्रष्टाचार से जुड़े इस मामले में केजरीवाल और पाठक पर मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक मंजूरी हासिल कर ली है.
अरविंद केजरीवाल को पहली बार 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था. बाद में उन्हें 26 जून को दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट से CBI ने हिरासत में लिया और बाद में 29 जून को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को ED मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी थी, हालांकि वे अभी भी तिहाड़ जेल में बंद हैं उन्हें CBI ने गिरफ्तार कर लिया था. 20 जून को ED द्वारा दर्ज मामले में ट्रायल कोर्ट ने पहले जमानत दी थी, जिस पर 25 जून को दिल्ली उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें लोकसभा चुनाव प्रचार करने के लिए 10 मई को अंतरिम जमानत भी दी थी. बाद में उन्होंने 2 जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था.