आग से घिरी थी डेढ़ महीने की बच्ची, ‘भगवान’ बनें कॉन्सटेबल ने यूं बचाई जिंदगी

नई दिल्ली: यूं तो देश में ज्यादातर लोग पुलिस (Police) के डर की वजह से उससे दूर रहना ही पसंद करते हैं. लेकिन खाकी हर बार गलत वजहों से सुर्खियों में हो ऐसा भी नहीं है. पुलिस के अच्छे काम यानी गुड वर्क भी इंटरनेट की दुनिया में जमकर वायरल होते हैं. ताजा मामला दिल्ली के पालम गांव का है. जहां दिल्ली (Delhi) पुलिस के एक कॉन्सटेबल भगवान सहाय एक  परिवार के लिए मसीहा बन कर पहुंचे.

‘भगवान’ बने भगवान सहाय

आपको बता दें कि पालम गांव में एक डेढ़ साल की बच्ची आग की लपटों के बीच घिरी थी. उसकी जान खतरे में थी भगवान सहाय मानों इस मासूम बच्ची के लिए भगवान बनकर आए और आग से निकाल कर उस मासूम की जान बचाई. ये घटनाक्रम बीती रात तब सामने आया जब देर रात पुलिस को सूचना मिली कि पालम गांव के मकान नंबर Z 32 में आग लगी है. पुलिस को ये सूचना घर की सदस्या खुशी ने दी.  घर के चौथी मंजिल में आग लगी थी.

इस वजह से लगी आग

आग गैस पाइप लाइन में रिसाव के वजह से लगी थी. मौके पर दिल्ली पुलिस के एएसआई नरेश, कॉन्सटेबल भाग चन्द, कॉन्सटेबल अजय और कॉन्स्टेबल भगवान सहाय मौके पर पहुंचे. उन्होंने फौरन अपनी तेज नजरों से हालात का जायजा लिया. फौरन पूरे इलाके को खाली कराने के साथ रेस्क्यू वर्क की शुरुआत हुई.

इसके बाद फायर ब्रिगेड यानी दमकल की चार गाड़ियों की मदद से उन्होंने इस आग पर काबू पा लिया. इस बीच कॉन्सटेबल भगवान सहाय ने जान पर खेल कर फोन करने वाली बच्ची खुशी और उसकी डेढ़ साल की भतीजी को अपनी जान पर खेल कर बचाया. आपको बता दें कि पुलिस के वीर और जाबांज जवानों ने पीड़ित परिवार के बाकी सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकालने में कामयाबी हासिल की.

कोरोना काल में मसीहा बने कई पुलिस वाले

आपको बताते चलें कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब देश भर में श्मशान घाटों में शव जलाने के लिए लाइनें लग रही थीं उस भयानक दौर में भी दिल्ली पुलिस के एक कॉन्सटेबल जिनकी ड्यूटी लोदी रोड के पास लगी थी उन्होंने करीब सौ से ज्यादा शवों का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करवाया था. इसी तरह जब दिल्ली में ऑक्सीजन के सिलेंडर और अस्पताल में बेड के लिए हाहाकार मचा था तब भी दिल्ली पुलिस के जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर कई बुजुर्गों और लोगों की मदद की थी.

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