छत्तीसगढ़ में दर्जनों ट्रेनों के एक साथ बंद होने से हाहाकार की स्थिति है। इसको लेकर लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। इस बीच कांग्रेस ने विधायक विकास उपाध्याय ने आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्होंने रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंचकर अफसरों को महाप्रबंधक के नाम एक चिट्ठी सौंपी। इस पत्र में उन्होंने बंद ट्रेनों को फिर से संचालित करने की मांग की है।
विधायक विकास उपाध्याय और कांग्रेस के कई पदाधिकारी-कार्यकर्ता दोपहर बाद रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। प्रदर्शन की आशंका से वहां भारी संख्या में आरपीएफ, जीआरपी और स्थानीय पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था। कांग्रेस नेताआें ने वहां प्रदर्शन नहीं किया। उन लोगों ने स्टेशन पर सबसे वरिष्ठ अधिकारी के तौर पर मौजूद प्रभारी स्टेशन डायरेक्टर चंद्रशेखर महापात्रा से मुलाकात की। उन्होंने दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे के महाप्रबंधक (GM) के नाम लिखी एक चिट्ठी सौंपी। इस चिट्ठी में ट्रेन बंद होने की वजह से हो रही असुविधाओं का हवाला देकर ट्रेनों का सुचारु संचालन शुरू करने की मांग की है।
विधायक विकास उपाध्याय ने कहा, पिछले कुछ महीनों से लगातार ट्रेन कैंसिल हो रही है जिससे आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दूरदराज जाने वाले लोगों को घंटो ट्रेनों का इंतजार करना पड़ रहा है। लोकल ट्रेन रद्द होने के कारण सबसे अधिक लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दूरदराज से लोग शहर नौकरी या मजदूरी करने पहुंचते हैं, लेकिन लगातार लोकल ट्रेन कैंसिल होने के कारण उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारी वर्ग भी परेशान है। मध्यम वर्गीय व निम्न आय वाले परिवार ट्रेनों में ज्यादा सफर करते हैं। रेलवे की उदासीनता के चलते हैं उनकी जेब पर बड़ा असर पड़ रहा है वह दूसरे संसाधनों से आवाजाही करने के लिए मजबूर हैं।
छत्तीसगढ़ की ही 66 से अधिक ट्रेने प्रभावित
इस समय छत्तीसगढ़ की 66 से अधिक ट्रेनें विभिन्न वजहों से बंद हैं अथवा उनका रास्ता बदल दिया गया है। 36 ट्रेनों को कोयला संकट की वजह से बंद किया गया था। उनमें से पांच पटरी पर लौटी हैं। ये ट्रेनें दो महीनों से बंद हैं। उसके बाद स्टेशनों पर काम के नाम पर कई ट्रेनों को बंद कर दिया गया है। कुछ ट्रेनों का रास्ता बदला गया है।
मुख्यमंत्री कर चुके रेल मंत्री से बात
इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से फोन पर बात कर चुके हैं। सरकार की ओर से रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र लिखकर आधिकारिक तौर पर आपत्ति दर्ज कराई जा चुकी है। इसके बाद भी रेल सेवा पूरी तरह बहाल होने के कोई संकेत रेलवे की तरफ से नहीं मिल रहे हैं।