रायपुर. प्रदेश की सड़कों में ओवरलोड गाड़ियों पर लगाम कसने की तैयारी सरकार ने कर ली है. ओवरलोड गाड़ियों से जहां एक तरफ सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, वहीं सड़के भी समय से पहले खराब हो रही है. इस पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग ने मोबाइल वे ब्रिज की शुरुआत की है. परिवहन विभाग के सभी फ्लाइंग स्कवाड को मोबाइल वे ब्रिज दिया जा रहा है. इससे माल वाहक गाड़ियों का वजन चेक किया जा सकेगा. वहीं परिवहन विभाग ने मोबाइल वे पैड की भी शुरुआत की है, इससे ओवरलोड गाड़ियों में चालान प्रक्रिया पारदर्शी हो जाएगी. बता दें कि परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने मोबाइल वे ब्रिज को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया. इस मौके पर विभाग के सभी अधिकारी मौजूद रहे.
प्रदेश की सड़कों पर अब ओवर लोड गाड़ियों पर लगाम कसने की तैयारी की जा रही है. ओवरलोड गाड़ियों से जहां शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है. वहीं सड़कें भी समय से पहले खराब हो रही हैं. अब इन ओवर लोड गाड़ियों पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग ने मोबाइल वे-ब्रिज खरीद लिया है. परिवहन विभाग के सभी फ्लाइंग स्क्वाड को मोबाइल वे-ब्रिज दिया जा रहा है. इससे माल वाहक गाड़ियों का वजन चेक किया जा सकेगा.
ज्ञात हो कि प्रदेश में करीब चार लाख माल वाहक गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही हैं. इसके साथ प्रदेश से महाराष्ट्र, बंगाल, गुजरात, झारखंड, पंजाब, उत्तर-प्रदेश और बिहार आदि राज्यों की गाड़ियां गुजरती हैं. अत्यधिक संख्या में गाड़ी होने के वजह से सभी गाड़ी की जांच करने में समस्या होती है. यदि ओवर लोड गाड़ियां पकड़ी भी गई तो इनके वजन का माप करने के लिए धर्मकांटा ले जाना पड़ता है. ऐसे में धर्मकांटा दूर होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस समस्या के निदान के लिए परिवहन विभाग ने 07 मोबाइल वे-पैड ख़रीदा गया है. मोबाइल वे-पैड आने के बाद यह प्रदेशभर की अलग-अलग सड़कों पर खड़ी कर आने-जाने वाले माल वाहक गाड़ियों की तुरंत चेकिंग होगी. यदि ओवर लोड पाया गया तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी. इससे एक तरफ जहां राजस्व की वसूली में वृद्धि होगी वहीं दूसरी तरफ सड़कों की उम्र भी बढ़ जाएगी.