नारायणपुर। एक तरफ जहाँ पुलिस और सुरक्षाबल के जवान बस्तर के जंगलों में नक्सलियों पर लगाम कसने में कामयाबी हासिल कर रहे हैं तो दूसरी तरफ नक्सली अपनी मौजूदगी दर्ज कराने आम लोगों को निशाने पर लेने से नहीं चूक रहे। इतना ही नहीं बल्कि नक्सलियों के निशाने पर अब समाजसेवी भी हैं। ऐसे निःस्वार्थ समाजसेवी जो बस्तर जैसे दुर्गम इलाकों में लम्बे वक़्त से आदिवासी ग्रामीणों को अपनी सेवाएं देकर उनके जीवनस्तर को सरल सहज बनाने में जुटे हैं।
दरअसल नक्सलियों ने इस बार बस्तर के रहने वाले, पद्मश्री सम्मानित वैद्य हेमराज मांझी को जान से मारने की धमकी हैं। नक्सलियों के इस धमकी का खौफ इसलिए भी हैं क्योंकि माओवादी वैधराज हेमचंद मांझी के भतीजे को पहले ही मौत के घाट उतार चुके हैं।
गौरतलब हैं कि वैद्य हेमराज मांझी पिछले 50 वर्षों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का उपचार करते रहे है। लेकिन हेमराज मांझी ने नक्सली भय के चलते अपना पद्मश्री अवार्ड सरकार को वापस लौटाने और इलाज बंद करने का फैसला ले लिया हैं। इतना ही नहीं बल्कि हेमराज मांझी बीते 6 महीने से नक्सली भय के चलते अपना गांव छोड़ शहर में रह रहे है। नक्सलियों ने पर्चे की माध्यम से यह धमकी दी हैं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो नक्सलियों ने पर्चों में लिखा है कि इलाके में संचालित खदानों के लिए हेमचंद मांझी काम करते हैं।