Pakistan UNSC Demands: पाकिस्तान की एक बार फिर इंटरनेशनल बेइज्जती (International disgrace) हुई है। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार को इस बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने इंटरनेशनल बेइज्जती करते हुए ठेंगा दिखाया है। दरअसल UNSC का अस्थायी सदस्य पाकिस्तान ने आतंकवाद (terrorism) से जुड़ी चार अहम समितियों की अध्यक्षता की मांग की थी। पाकिस्तान की इस मांग को अन्य सदस्य देशों ने ठुकरा दिया। पाकिस्तान को सिर्फ 1988 तालिबान प्रतिबंध समिति की अध्यक्षता और 1373 आतंकवाद निरोधक समिति (CTC) की उपाध्यक्षता ही सौंपी गई है।
भारतीय सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान को उसकी उम्मीदों और दावों के मुकाबले काफी कम मिला है। ये उसके लिए एक राजनयिक असफलता के तौर पर देखा जा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की मांगों की वजह से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सहमति नहीं बन पाई। इससे संयुक्त राष्ट्र की कमेटियों के बंटवारे में करीब पांच महीने की देरी हो गई। एक अधिकारी ने कहा, “यह काम जनवरी 2025 तक हो जाना चाहिए था।
पाकिस्तान की मांगों को लेकर UNSC के सदस्य नाखुश
पाकिस्तान की मांगों को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के बाकी सदस्य खुश नहीं थे। उनका मानना था कि पाकिस्तान का रवैया जिद्दी और अनुचित है। अगर पाकिस्तान भारत पर आतंकवाद को लेकर सवाल उठाएगा तो उसे बाकी देशों की सख्त प्रतिक्रिया झेलनी पड़ सकती है। एक अधिकारी ने बताया कि UNSC के पांच स्थायी सदस्य- चीन, फ्रांस, रूस, यूके और अमेरिका, किसी भी कमेटी की अध्यक्षता नहीं लेना चाहते थे, क्योंकि उनका मानना है कि ये पद तब तक खास असर नहीं डालते जब तक सभी सदस्य सहमत न हों।