Pariksha Pe Charcha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज ‘परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम’ के 8वे एडिशन में छात्रों, शिक्षकों (Teachers) और अभिभावकों (Guardians) से परीक्षा के तनाव को कम करने के उपायों पर बातचीत की. इस दौरान पीएम मोदी ने छात्रों (Students) को तनाव से बचने के साथ-साथ शारीरिक पोषण का महत्व भी समझाया. PM ने क्रिक्रेट (Cricket) का उदाहरण देते हुए छात्रों से कहा कि क्रिक्रेटर का जिस तरह बाॅल पर फोकस करता है, उसी तरह लक्ष्य पर फोकस होना चाहिए. PM मोदी ने कहा, ज्यादातर लोग दूसरे से स्पर्धा करते हैं. लेकिन जो खुद से स्पर्धा करता है, उसका विश्वास कभी टूटता नहीं.
सोमवार को परीक्षा पे चर्चा चर्चा के 8वे एडिशन का अयोजन हुआ. इस बार परीक्षा पे चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा भी कई सेलिब्रिटी एक्सपर्ट्स लाइफ और एग्जाम्स पर बातें करेंगें. सोमवार को 8 वे एडिशन के पहले एपिसोड का प्रसारण किया गया.
PM नरेंद्र मोदी ने 10वीं ओर 12वीं के छात्रों से बोर्ड एग्जाम्स को लेकर चर्चा में कहा, परीक्षा के सबसे करीब दिन में 24 घंटे ही होते हैं. कोई इतने ही समय में सब-कुछ कर लेता है, तो कोई यही कहता रहता है कि समय नहीं है. ऐसे में टाइम मैनेजमेंट सीखना बहुत जरूरी है.
पीएम मोदी ने स्नान और शारीरिक पोषण का समझाया महत्व
पीएम ने सूर्य स्नान का महत्व समझाया। कहा, ‘हर किसी को आदत डालनी चाहिए कि सुबह सुबह धूप में जाकर पैठें। कोशिश करें कि शरीर के ज्यादा से ज्यादा हिस्से को धूप लगे.’ इसके अलावा उन्होंने शारीरिक पोषण का महत्व समझाते हुए कहा, ‘गेहूं, बाजरा, चावल सबकुछ खाएं। मिलेट्स (मोटा अनाज) खाने पर जोर डालें. किसी घने पेड़ के नीचे खड़े होकर गहरी सांस लें.’
पीएम मोदी में परीक्षा पे चर्चा में शामिल हुए छात्रों के साथ सुंदर नर्सरी में पेड़ भी लगाया. पीएम मोदी ने कहा जैसे ये पेड़ लगाए है, पानी पिलाने का उपाय क्या है. उन्होंने आगे बताया कि पेड़ के बगल में एक मिट्टी का मटका लगा देना चाहिए और उसमें एक महीने में पानी डालना चाहिए। इससे पेड़ का ग्रोथ कम पानी से भी होगा.
किक्रेट का दिया उदाहरण
पीएम मोदी ने आगे कहा, प्रेशर रहता है कि इतने नंबर नहीं आए तो जिंदगी तबाह हो जाएगी. आपने देखा होगा कि स्टेडियम में खूब शोर रहता है. सब सिक्स और फोर चिल्लाते रहते हैं. बैट्समैन बॉल को देखता है. अगर आवाज पर खेलना शुरू करे तो आउट हो जाएगा. आप भी सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देंगे तो प्रेशर से उबर जाएंगे.
पॉजिटिविटी खोजने की आदत डालें
प्रधानमंत्री ने कहा, जितने दोस्त हैं, उन्हें याद करो. उनके पूरे नाम लिख सकते हो क्या? नहीं. इसका मतलब कि जिसे आप अच्छा दोस्त मानते हो उसकी जानकारी कम है. फिर सोचो कि उसके गुण लिख सकते हैं क्या. इसके बाद आपको किसी भी बात में पॉजिटिव खोजने की आदत पड़ जाएगी.
मन की बात पेरेंट्स से कहें, तनाव दूर होगा
पीएम ने कहा, अगर किसी पल को जिया नहीं तो वो चला जाएगा, फिर नहीं लौटेगा. याद करें कि अपने भाई से पहले बहुत बात करते थे, अब नहीं करते. पहले स्कूल से आते ही सारी बात मां को बताते थे, अब नहीं कर रहे हैं. धीरे-धीरे आप सिमटते जाते हैं। इसके बाद डिप्रेशन में चले जाते हैं.
मम्मी पापा, परिवार, टीचर्स के लिए मोदी की सीख
मम्मी पापा को समझाइए कि अगर आप दुखी और थकान महसूस करेंगे तो परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे क्या? हम रोबोट नहीं हैं, इंसान हैं. मैं बच्चों के परिवार, टीचर्स सबसे कहता हूं कि बच्चों को दीवारों में बंद करके किताबों का जेलखाना बना दें तो बच्चे कभी ग्रो नहीं कर पाएंगे. उसे खुला आसमान चाहिए. उसके पसंद की कुछ चीजें चाहिए. अगर वो अपने पसंद की चीजें अच्छे से करता है तो पढ़ाई भी अच्छे से कर लेगा. परीक्षा ही सबकुछ है जिंदगी में, इस प्रकार से नहीं जीना चाहिए.’