प्रीति का यह प्रदर्शन उनके करियर का पर्सनल बेस्ट भी है। उन्होंने 14.21 सेकंड का समय लेकर यह रेस पूरी की, जिसमें चीन की जिया झोउ और कियानकियान गुओ ने क्रमशः गोल्ड और सिल्वर पदक जीते। 23 साल की प्रीति पहली बार पैरालंपिक में हिस्सा ले रही हैं, और उन्होंने इस साल मई में वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की 200 मीटर टी35 में भी कांस्य पदक हासिल किया था। प्रीति पेरिस पैरालंपिक में 200 मीटर इवेंट में भी हिस्सा लेंगी।
प्रीति ने कोबे में हुए विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2024 में कांस्य पदक जीता था, जिससे उन्हें पेरिस खेलों में भाग लेने का मौका मिला। प्रीति का टी35 वर्गीकरण उन खिलाड़ियों के लिए है जिनमें समन्वय संबंधी विकार जैसे हाइपरटोनिया, अटैक्सिया, एथेटोसिस और मस्तिष्क पक्षाघात आदि शामिल होते हैं।
मेडल जीतने के बाद प्रीति ने अपनी खुशी जाहिर की और कहा, यह मेरा पहला पैरालंपिक था और मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मैंने पदक जीता है। मुझे गर्व महसूस हो रहा है कि मैंने पैरालंपिक में भारत का पहला ट्रैक पदक जीता है। भारत के लिए यह पैरालंपिक काफी खास रहा है, क्योंकि अब तक जीते गए सभी तीन पदक महिलाओं ने हासिल किए हैं। इससे पहले शूटिंग में अवनि लेखरा और मोना अग्रवाल ने मेडल जीते थे।