विपक्ष ने भर्तृहरि महताब को अस्थाई अध्यक्ष बनाए जाने की कड़ी आलोचना की है और आरोप लगाया है कि सरकार ने इस पद के लिए कांग्रेस सांसद के. सुरेश के दावे की अनदेखी की. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा है कि महताब लगातार 7 बार के लोकसभा सदस्य हैं, जिससे वह इस पद के लिए उपयुक्त हैं. उन्होंने कहा कि सुरेश 1998 और 2004 में चुनाव हार गए थे, जिस कारण उनका मौजूदा कार्यकाल निचले सदन में लगातार 4 कार्यकाल है. इससे पहले, वह 1989, 1991, 1996 और 1999 में लोकसभा के लिए चुने गए थे.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को राष्ट्रपति भवन में महताब को लोकसभा के अस्थाई अध्यक्ष के रूप में शपथ दिलाएंगी. इसके बाद महताब संसद भवन पहुंचेंगे और सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू करेंगे. कार्यवाही की शुरुआत में, कुछ क्षणों के लिए मौन रखा जाएगा. इसके बाद लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह निचले सदन के लिए निर्वाचित सदस्यों की सूची सदन के पटल पर रखेंगे. इसके बाद, महताब के अनुरोध पर लोकसभा के नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन की सदस्यता की शपथ लेंगे.
18वीं लोकसभा में ज्यादातर सांसद अंडर ग्रेजुएट
78 फीसदी नवनिर्वाचित सांसदों ने अंडरग्रेजुएट शिक्षा पूरी की है. जबकि 22 फीसदी सांसद ऐसे हैं, जिन्होंने कॉलेज की पढ़ाई नहीं की. पिछली लोकसभा में ऐसे सांसदों की संख्या 27 फीसदी थी. यानी कॉलेज में पढ़े सांसदों की संख्या इस बार बढ़ी है. जहां तक पेशे का सवाल है 48 फीसदी सांसद सामाजिक कार्यकर्ता, 37 फीसदी कृषि, 32 फीसदी कारोबार और व्यवसाय, सात फीसदी कानूनविद और जज, चार फीसदी मेडिकल व पैरामेडिकल, 3 फीसदी कलर एवं मनोरंजन तथा 2 फीसदी सेवानिवृत्त सरकारी कार्मिक हैं.
18वीं लोकसभा में इस बार 281 सांसद (52 फीसदी) ऐसे हैं, जो पहली बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं. 17वीं लोकसभा में यह संख्या 267 थी, लेकिन 2014 में 16वीं लोकसभा के लिए रिकॉर्ड 314 सांसद पहली बार जीतकर सदन पहुंचे थे. 2 सांसद 8वीं बार सदन पहुंचे. 18वीं लोकसभा में 2टर्म वाले 114, तीन टर्म वाले 74, चार टर्म वाले 35, पांच टर्म वाले 19, छह टर्म वाले 10, सात टर्म वाले सात एवं आठ टर्म वाले दो सांसद चुनकर आए हैं.