नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले कहा है कि भारत ने यह सिद्ध किया है कि डेमोक्रेसी कैन डिलीवर. उन्होंने कहा कि यह सत्र विकसित भारत के प्रयास में और ऊर्जा भरने का अवसर है. पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष पराजय की निराशा से बाहर निकलकर आए और मजबूत मुद्दे उठाए. उन्होंने कहा कि यह सत्र पराजय की हताशा या विजय के अहंकार का मैदान नहीं बनना चाहिए. नई पीढ़ी के सदस्यों को अनुभव का लाभ मिलना चाहिए. यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए. राष्ट्रनीति पर बात होनी चाहिए.
संसद के शीतकालीन सत्र की आज से शुरुआत हो रही है. यह सत्र 19 नवंबर तक चलेगा और इस दौरान संसद के दोनों सदनों की 15-15 बैठकें होंगी. विपक्षी दल एसआईआर, आंतरिक सुरक्षा और लेबर कोड पर चर्चा की मांग कर रहे हैं. दूसरी तरफ, सरकार चाहती है कि वंदे मातरम् पर चर्चा हो. शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं.
#ParliamentWinterSession | Delhi: PM Narendra Modi says, "…I urge all parties, in this winter session, that the panic of defeat should not become a ground for debate. As public representatives, we should handle the responsibility and expectations of the people of the country… pic.twitter.com/Dt2oNCj3td
— ANI (@ANI) December 1, 2025

