राजस्थान कांग्रेस के बड़े नेता सचिन पायलट ने एक बार फिर अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेता सोनिया गांधी नहीं हैं, बल्कि उनके नेता वसुंधरा राजे सिंधिया हैं. उन्होंने कहा, मुझे बदनाम करने की कोशिश की गई. मुझ पर बिकने के आरोप लगाए गए. मुझे निक्कमा और गद्दार कहा गया. गहलोत ने अपने विधायकों को बदनाम करने की कोशिश की.
उन्होंने कहा, ‘एक तरफ ये कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम बीजेपी कर रही थी और दूसरी तरफ कहा जा रहा था कि वसुंधरा राजे ने सरकार को बचाने का काम किया. ये जो विरोधाभास है इसे समझाना चाहिए. आप कहना क्या चाह रहे हैं ये स्पष्ट कर देना चाहिए. सबको मालूम है कि सरकार बनने के बाद मैं डिप्टी सीएम था और प्रदेश अध्यक्ष था. 2020 में मुझ पर देशद्रोह और राष्ट्रद्रोह के आरोप में कार्रवाई करने की कोशिश की गई.’
‘मुझे गद्दार और कोरोना कहा गया’
पायलट ने कहा, ‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं और मेरे कुछ साथी सरकार में कुछ परिवर्तन चाहते थे. पार्टी भी बदलाव चाहती थी. हमने अपने अपनी बातों को रखा और अहमद पटेल के माध्यम से एक कमेटी बनी. कमेटी ने हमारी बात को सुना और एक रोडमैप तैयार किया गया. इसके बाद राज्यसभा चुनाव से लेकर पार्टी को मजबूत करने के लिए हर वो काम किया जो करना जरूरी था.’
पायलट ने कहा, ‘ढाई साल में अनुशासन तोड़ने का काम कभी भी किसी ने नहीं किया. मुझे कोरोना कहा गया, गद्दार कहा गया. जो ये आरोप हाल में लगाए गए ये मैं ढाई साल से सुन रहा था लेकिन मैं अपनी पार्टी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाह रहा था इसलिए शांत रहा.’
बिकने का आरोप लगाना गलत
उन्होंने कहा, ‘मैंने पहली बार देखा कि अपनी ही सरकार को, अपने ही विधायकों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है और बीजेपी के नेताओं का गुणगान हो रहा है. ऐसे लोग जो जनता के बीच 40 सालों से हैं उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं. ये सारे आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं. बहुत से नेताओं को सरकार में मंत्री बनाया गया, बड़े-बड़े पद दिए गए. ये कहना बिलकुल गलत है कि चंद रुपयों के लिए आप बिक गए.’
गहलोत ने लगाए थे आरोप
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में अपने बयान से सियासी भूचाल खड़ा कर दिया था कि उनकी सरकार को बचाने में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे ने मदद की थी. साथ ही उन्होंने कांग्रेस के कुछ विधायकों पर पैसे लेकर सरकार गिराने की कोशिश का भी आरोप लगाया और कहा कि उन्हें इस बात को लेकर हैरानी हो रही है कि बीजेपी ने उन विधायकों से पैसे वापस नहीं लिए.
गहलोत ने सरकार को संकट में डाला
पायलट ने कहा, ‘हम दिल्ली गए अपनी बात को रखा. हमारी बातों को संज्ञान में लेने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 25 सितंबर को अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को जयपुर भेजा था. लेकिन विधायकों की बैठक ही नहीं हो पाई. सोनिया गांधी अध्यक्ष थीं हमारी, उनकी बेइज्जती की गई वो गद्दारी थी. उनकी अवमानना की गई. विधायकों से जबरन इस्तीफा दिलवाया गया और अपनी ही सरकार को संकट में डाला गया.’
पद यात्रा करेंगे पायलट
उन्होंने कहा, ‘बहुत से लोग ये आरोप लगाते हैं कि मोदी और अमित शाह के कहने पर इस्तीफे हुए. ये बात कहते हुए सोभा नहीं देती. अब तक जो हुआ वो ये दिखाता है कि अनुशासनहीनता किसने की और पार्टी के नियमों को किसने तोड़ा.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने फैसला लिया है कि अजमेर के आरपीएससी से 11 मई को एक यात्रा निकालूंगा. जनता के बीच जाकर जनता की आवाज सुनेंगे, उनके मुद्दों को उठाएंगे और जो भी करप्शन के चार्ज या आरोप हैं उनकी जांच की मांग के लिए आवाज बुलंद करेंगे.’