राजनांदगांव। शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने किसानों को बकाया दो साल का बोनस दिए जाने पर कहा है कि, छत्तीसगढ़ में किसानों के साथ भाजपा ने जो छलावा किया ये उसकी बहुत छोटी कीमत है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस के प्रयास और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाओं का ही नतीजा है कि, किसानों को उनका हक मिल पाया है।
कुलबीर सिंह छाबड़ा ने बयान जारी करते हुए कहा कि, वर्ष 2015-16, 2016-17 का प्रति क्विंटल 3 सौ रुपए का बकाया बोनस भाजपा की सरकार ने किसानों को नहीं दिया था। उन्होंने प्रदेश के अन्नदाता से उसका अधिकार छीना था। तब कांग्रेस ने इसे लेकर कई जंगी प्रदर्शन किए। दो वर्ष तक ये लड़ाई चली। वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 25 सौ रुपए समर्थन मूल्य देने का ऐलान कर किसानों को उनका हक देने की दमदार पहल की। साथ ही किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए कर्जमाफी की भी घोषणा की। इस चुनाव में घोषणा और उसके बाद किसानों से किया अपना वायदा निभा कर कांग्रेस सरकार ने किसानों को उनका सम्मान और अधिकार लौटाया।
उन्होंने कहा कि, हरित क्रांति लाने वाली कांग्रेस के केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र में आर्थिक सुधार के प्रयासों को सुनियोजित और सफल रणनीति से आगे बढ़ाया। इस प्रयास से ही किसान और धान चुनावी मुद्दा बन सके और अंतत: मजबूरी में भाजपा को किसानों की मांगों को पूरा करना पड़ा। इससे पहले सदैव ही किसानों और उनकी मांगों को नज़रअंदाज किया जाता रहा। मोदी सरकार ने तो किसानों के खिलाफ तीन काले कानून भी लाए थे। इससे ही उनकी असल दमनात्मक सोच उजागर हो गई थी।
जिला अध्यक्ष छाबड़ा ने कहा कि, भाजपा का दोहरा चेहरा भी सामने आया है। जब पूर्ववर्ती कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने किसानों को बढ़ा हुआ समर्थन मूल्य देने की घोषणा की थी तब केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने इसमें अड़ंगे डाले थे। नतीजतन कांग्रेस ने न्याय योजना के सहारे किसानों को उपज का पूरा मूल्य चुकाया गया। केंद्र की भाजपा सरकार कभी किसानों को अधिक दाम का भुगतान करने की पक्षधर नहीं रही। जबकि कांग्रेस सदा ही अन्नदाता को उसकी मेहनत की पूरी अदायगी के लिए संकल्पित रही है।