अमृत मिशन के तहत गड्ढे खोदकर समतलीकरण नहीं करने से लोग हो रहे परेशान

निगम नहीं कर रहा ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्यवाही
पहुना राजनांदगांव। शहर वासियों को मीटर आधारित दीर्घावधिक जल प्रदाय योजना अमृत मिशन के तहत पेयजल आपूर्ति का काम मिशन मोड पर नहीं चल रहा है। ठेकदार शहर भर में गड्ढे खोदकर व रफ तरीके से पाटकर कई-कई दिनों के लिये वैसे ही छोड़ देता है। पहले की तरह पक्का समतल नहीं करता। इससे लोगों को आवाजाही में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। छोटी-मोटी दुर्घटनायें तो प्रायः रोज हो रही हैं। अब गंभीर दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है। नगर पालिक निगम के इंजीनियर ठीक तरह से मानीटरिंग नहीं करते और निगम प्रशासन ठेकेदार के विरूद्ध कोई दंडात्मक कार्यवाही कर ही नहीं रहा है।
इस संबंध में वार्ड क्रमांक 47 की कांग्रेस पार्षद सरिता अवधेश प्रजापति का कहना है कि अमृत मिश्ज्ञन के गड्ढों को ठीक तरह से नहीं पाटने से शहर की जनता को काफी तकलीफ हो रही है। महापौर, आयुक्त विशेष रूप से ध्यान दें, मिशन के कार्य को मिशन मोड पर करायें तो तकलीफ कम हो सकती है। बताया कि जल संयंत्र वाले वार्ड मोहारा में गड्ढे खोदे जाने का काम शुरू भी नहीं हुआ है। जनता को जल्द से जल्द पूर्ण कराने की अपेक्षा है।
नगर निगम के कार्यपालन अभियंता दीपक जोशी ने कहा कि 199 करोड़ के इस कार्य का ठेका 2018 के आखिरी-आखिरी में मुंबई की कंपनी एसएमसी ने लिया है। गड्ढे खोदने के बाद एक दिन में काम होता नहीं। समय लगता है। उनका कहना था कि 85 फीसदी काम हो गया है। कनेक्शन देने व टंकी का काम बचा है।
निगम आयुक्त आशुतोष चतुर्वेदी ने कहा कि दंडात्मक कार्यवाही तो नहीं किये हैं, लेकिन कोविड 19 के चलते कंपनी को एक्सटेंशन दिया गया है। 31 दिसंबर 2021 लास्ट डेट है। बरसात के समय में हाइड्रो टेस्टिंग करने में समय लगता है। फिर भी संबंधित एजेंसी को समतलीकरण के कार्य को प्राथमिकता से करने के निर्देशित किया गया है।

 

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