पेट्रोल पंप कर्मचारी निकले साइबर ठग: मोबाइल में ऐप इंस्टॉल कराकर की लाखों रूयये की धोखाधड़ी

ग्वालियर: शहर एक व्यक्ति के साथ करीब 4 लाख 20 हजार रुपये का फ्रॉड करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों को राजस्थान के जयपुर से गिरफ्तार किया गया। बदमाशों ने आईसीआईसीआई बैंक का कर्मचारी बनकर क्रेडिट कार्ड पर एक्टिवेशन चार्ज के नाम पर ठगी को अंजाम दिया। मोबाइल में एप्लीकेशन इंस्टॉल कराकर 4,20,000 रुपये की धोखाधड़ी की गई।

शिकायत को गंभीरता से लेते हुए अफसरों ने बदमाशों की खोजबीन शुरू की। साइबर टीम ने ट्रान्जैक्शन संबंधी तकनीकी जानकारी हासिल की। साइबर टीम को जानकारी मिली कि फरियादी के खाते से जो ट्रान्जैक्शन हुए हैं वह राजस्थान स्थित पेट्रोल पंप से फ्लीट कार्ड के माध्यम से हुए हैं। उक्त राशि से पेट्रोल पंप से एक दिन में ही एक ही गाड़ी में 1,50,000 रुपये का डीजल डलवाना पाया गया। विवेचना में पाया गया कि पेट्रोल पंप के कर्मचारियों की मिलीभगत से अपराध को अंजाम दिया गया है।

पेट्रोल पंप में काम करते थे दोनों आरोपी

आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक टीम राजस्थान के जयपुर में चार दिन तक उनकी खोजबीन में जुटी रही। इसके बाद पेट्रोल पंप के मैनेजर श्रवण शर्मा और कर्मचारी जितेंद्र गुर्जर को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि दोनों में से एक आरोपी पेट्रोल पंप पर फिलर का काम करता था और दूसरा आरोपी पेट्रोल पंप पर मैनेजर था।

कमीशन के रूप में लेते थे 10-10 प्रतिशत

फिलर कस्टमर या फरियादी से ठगी गई राशि को अपने फ्लीट कार्ड में डलवाकर उस राशि से डीजल खरीदकर अपना कमीशन काटकर साइबर फ्रॉडस्टरस को राशि कैश में उपलब्ध कराता था। मैनेजर द्वारा अपने पेट्रोल पंप के रिकार्ड में फ्रॉड की राशि से डीजल खरीदना दिखाया जाता था। इस काम के लिए फिलर और मैनेजर फ्रॉड ट्रांजैक्शन की राशि का कमीशन के रूप में 10-10 प्रतिशत लेते थे।

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