होम मिनिस्टर्स की बैठक में PM मोदी ने दिया ये मंत्र……..!

 

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी शुक्रवार को हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित सभी राज्यों के गृह मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधत किया. गृह मंत्रियों को देश के विकास के वास्ते मंत्र देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राज्यों को अच्छी पहल एक-दूसरे से सीखने की जरूरत है. स्टेट्स होम मिनिस्टर्स की इस बैठक को ‘चिंतन शिविर’ नाम दिया गया है, जिसमें गुरुवार को जहां अमित शाह ने संबोधित किया, वहीं आज इस सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल तरीके से संबोधित किया.

अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा कि आज कल देश में उत्सव का माहौल है. ओणम, दशहरा, दुर्गापूजा और दीपावली सहित अनेक उत्सव शांति और सौहार्द के साथ देशवासियों ने मनाएं हैं. अभी छठ पूजा सहित कई अन्य त्योहार भी हैं. विभिन्न चुनौतियों के बीच इन त्योहारों में देश की एकता का सशक्त होना, आपकी तैयारियों का भी प्रतिबिंब है.पीएम मोदी ने कहा कि संविधान में भले कानून और व्यवस्था राज्यों का दायित्व है, लेकिन ये देश की एकता-अखंडता के साथ भी उतने ही जुड़े हुए हैं. हर एक राज्य एक दूसरे से सीखे, एक दूसरे से प्रेरणा लें और देश की बेहतरी के लिए काम करे, यह संविधान की भी भावना है और देशवासियों के प्रति हमारा दायित्व भी है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगले 25 साल ‘अमृत पीढ़ी’ के निर्माण के लिए होंगे. यह अमृत पीढ़ी ‘पंच प्राण’ के संकल्पों को आत्मसात करके बनाई जाएगी. इन पंच प्राणों का महत्व आप सभी भली भांति जानते हैं और समझते हैं. ये एक विराट संकल्प है, जिसको सिर्फ और सिर्फ सबके प्रयास से ही सिद्ध किया जा सकता है.

1- विकसित भारत का निर्माण
2- गुलामी की हर सोच से मुक्ति
3- विरासत पर गर्व
4- एकता और एकजुटता
5- नागरिक कर्तव्य

पुलिस को भी परसेप्शन बदलने की जरूरत
गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब देश का सामर्थ्य बढ़ेगा तो देश के हर नागरिक, हर परिवार का सामर्थ्य बढ़ेगा. यही तो सुशासन है, जिसका लाभ देश के हर राज्य को समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना है. कानून-व्यवस्था के पूरे तंत्र का विश्वसनीय होना, जनता के बीच उनका परसेप्शन क्या है, ये बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने आगे कहा कि आज एनडीआरएफ के लिए देशवासियों के मन में कितना सम्मान है. आपदा के समय जैसे ही एनडीआरएफ-एसडीआऱप की टीम पहुंचती है, वैसे ही लोगों को संतोष होने लगता है कि अब एक्सपर्ट की टीम पहुंच गई है, अब ये अपना काम कर लेंगे. अपराध वाली किसी भी जगह पर जैसे ही पुलिस पहुंचती है, लोगों में यह भाव आता है कि सरकार पहुंच गई है. कोरोना काल में भी हमने देखा है कि किस तरह पुलिस की साख बेहतर हुई थी.

राज्य केंद्रीय एजेंसियों का भी करें सहयोग
पीएम मोदी ने कहा कि कई बार केंद्रीय एजेंसियों को कई राज्यों में एक साथ जांच करनी पड़ती है, दूसरे देशों में भी जाना पड़ता है. इसलिए हर राज्य का दायित्व है कि चाहे राज्य की एजेंसी हो, चाहे केंद्र की एजेंसी हो, सभी एजेंसियों को एक-दूसरे को पूरा सहयोग देना चाहिए. उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम हो या फिर ड्रोन टेक्नोलॉजी का हथियारों और ड्रग्स तस्करी में उपयोग, इनके लिए हमें नई टेक्नोलॉजी पर काम करते रहना होगा. स्मार्ट टेक्नोलॉजी से कानून-व्यवस्था को स्मार्ट बना पाना संभव होगा.

कानून-व्यवस्था को बनाए रखना एक 24*7 वाला काम
पीएम मोदी ने कहा कि कानून-व्यवस्था को बनाए रखना एक 24*7 वाला काम है. लेकिन किसी भी काम में ये भी आवश्यक है कि हम निरंतर प्रक्रियाओं में सुधार करते चलें, उन्हें आधुनिक बनाते चलें. बीते वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों ने भी देश में कानून व्यवस्था को मजबूत किया है, आतंकवाद हो, हवाला नेटवर्क हो, भ्रष्टाचार हो, इसपर देश ने अभूतपूर्व शक्ति दिखाई है,
लोगों में विश्वास पनपने लगा है.

दरअसल, सूरजकुंड में आयोजित इस चिंतन शिविर में सभी राज्यों के गृह मंत्री शामिल हुए हैं. इतना ही नहीं, राज्यों के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के महानिदेशक भी इस सम्मेलन का हिस्सा हैं. अधिकतर राज्यों में गृह विभाग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के पास है. अधिकारियों ने बताया कि इस ‘चिंतन शिविर’ का उद्देश्य ‘विजन 2047’ और ‘पंच प्रण’ को लागू करने के लिए खाका तैयार करना है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से की थी.

किन मसलों पर आज है चर्चा
अधिकारियों की मानें तो ‘चिंतन शिविर’ में साइबर अपराधों के प्रबंधन के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र के विकास, पुलिस बलों के आधुनिकीकरण, आपराधिक न्याय प्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में वृद्धि, महिला सुरक्षा, तटीय सुरक्षा, भूमि सीमा प्रबंधन और अन्य आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. अधिकारी ने बताया कि ‘2047 तक विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ‘नारी शक्ति’ की भूमिका महत्वपूर्ण है और महिलाओं की सुरक्षा और उनके लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने पर विशेष जोर दिया जाएगा.

क्या है सम्मेलन का उद्देश्य
सम्मेलन का उद्देश्य उपरोक्त क्षेत्रों में राष्ट्रीय नीति निर्माण और बेहतर योजना एवं समन्वय की सुविधा प्रदान करना भी है. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ‘चिंतन शिविर’ में छह सत्रों में विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी. शिविर के पहले दिन होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा, आग से सुरक्षा और शत्रु संपत्ति आदि कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया. वहीं, दूसरे दिन साइबर सुरक्षा, मादक पदार्थों की तस्करी, महिला सुरक्षा और सीमा प्रबंधन जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.

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