प्रधानमंत्री नरेंद्र जॉर्डन के बाद इथियोपिया और ओमान के दौरे पर भी रहेंगे। जॉर्डन में व्यापार और राजनीतिक रिश्तों पर चर्चा होगी। इथियोपिया में भारत-अफ्रीका साझेदारी को नई दिशा मिलेगी। ओमान में व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर फोकस रहेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने तीन देशों के दौरे की जानकारी सोशळ मीडिया एक्स पर भी दी है। पीएम मोदी ने रवाना होने से पहले की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा- अगले तीन दिनों में, हम जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान जाएंगे। ये तीन अहम पार्टनर हैं जिनके साथ भारत के सदियों पुराने सभ्यतागत रिश्ते और मज़बूत दोतरफ़ा रिश्ते हैं।
प्रधानमंत्री के दौरे पर ये कहा विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के मुताबिक यह दौरा भारत के पश्चिम एशिया और अफ्रीका के साथ रिश्तों को नई मजबूती देने वाला है। व्यापार, निवेश, रणनीतिक सहयोग और क्षेत्रीय मुद्दों पर इस दौरान गहन बातचीत होगी। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी है। भारत इस दौरे के जरिए अपने भरोसेमंद साझेदारों के साथ राजनीतिक, आर्थिक और कूटनीतिक सहयोग को आगे बढ़ाना चाहता है। खास बात यह है कि जॉर्डन और इथियोपिया की यह पीएम मोदी की पहली पूर्ण द्विपक्षीय यात्रा होगी, जबकि ओमान का यह उनका दूसरा दौरा है।
भारत-जॉर्डन रिश्ते के 75 साल पूरे
भारत और जॉर्डन ने 1950 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे, जिसके 2025 में 75 साल पूरे हो गए हैं। मोदी इसी मौके पर जॉर्डन जा रहे हैं। भारत, जॉर्डन का चौथा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। दोनों देशों के बीच 2023-24 में 26,033 करोड़ रुपए का व्यापार हुआ। इसमें भारत का निर्यात करीब 13,266 करोड़ रुपए था। दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 5 अरब डॉलर यानी 45,275 करोड़ करने का लक्ष्य रखा है।
भारत के कुल रॉक फॉस्फेट आयात में जॉर्डन की हिस्सेदारी करीब 40%
भारत, जॉर्डन से बड़ी मात्रा में रॉक फॉस्फेट और फर्टिलाइजर का कच्चा माल खरीदता है। भारत के कुल रॉक फॉस्फेट आयात में जॉर्डन की हिस्सेदारी करीब 40% है। दूसरी तरफ जॉर्डन भारत से मशीनरी, पेट्रोलियम, अनाज, रसायन, मीट, ऑटो पार्ट्स और उद्योगों से जुड़े उत्पादों का आयात करता है। भारतीय कंपनियों ने जॉर्डन के फॉस्फेट और टेक्सटाइल सेक्टर में 1.5 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है।

