दुनिया में पाकिस्तान की पोल खोलकर लौटे डेलीगेशन से मिले PM मोदी, क्यों नहीं पहुंचे असदुद्दीन ओवैसी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)ने मंगलवार शाम ऑपरेशन सिंदूर(Operation Sindoor) के बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने के लिए विश्व की राजधानियों की यात्रा पर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात की. इस बैठक में सभी सदस्यों ने प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए, जबकि AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए.

केंद्र सरकार ने प्रतिनिधिमंडलों के काम की प्रशंसा की

केंद्र सरकार ने पहले ही 50 से अधिक सदस्यों वाले सात प्रतिनिधिमंडलों के कार्यों की सराहना की है, जिनमें अधिकांश वर्तमान सांसद शामिल हैं. इसके अलावा, पूर्व सांसद और पूर्व राजनयिक भी इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा रहे हैं, जिन्होंने 33 विदेशी राजधानियों और यूरोपीय संघ का दौरा किया.

ओवैसी ने बताया गैरहाजिरी का कारण

डेलिगेशन की बैठक में ओवैसी की अनुपस्थिति ने कई सवाल उठाए. उन्होंने सभी प्रश्नों का उत्तर देते हुए बताया कि वह देश से बाहर हैं और उन्हें एक चिकित्सा आपात स्थिति के कारण दुबई जाना पड़ा. उनके रिश्तेदार और बचपन के दोस्त की तबीयत खराब होने के चलते उन्हें अचानक यात्रा करनी पड़ी. ओवैसी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपने प्रतिनिधिमंडल के नेता बैजयंत पांडा को इस स्थिति के बारे में सूचित कर दिया था. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बैठक में न शामिल होने का कारण व्यक्तिगत मजबूरी थी, न कि किसी राजनीतिक कारण से.

सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश देने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया, जिसमें कांग्रेस सांसद शशि थरूर और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता शामिल थे. यह प्रतिनिधिमंडल विदेशों में भारत के हितों की रक्षा के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों के साथ मिलकर कार्य कर रहा था. इस समूह में पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद और सलमान खुर्शीद जैसे प्रमुख पूर्व सांसद भी शामिल थे.

PM मोदी ने जाना लोगों का मत

प्रधानमंत्री मोदी की बैठक का मुख्य उद्देश्य लोगों से उनकी डेलीगेशन के बारे में राय प्राप्त करना था. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्होंने जिन देशों का दौरा किया, वहां के लोगों ने इस विचार को सकारात्मक रूप से स्वीकार किया. थरूर ने सुझाव दिया कि इस प्रकार के विचारों को भविष्य में भी अपनाया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि यह बैठक बहुत ही अनौपचारिक थी, जहां सभी ने खुलकर अपने विचार साझा किए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!