PM Modi Statement: संसद के विशेष सत्र (Parliament Special Session) की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के संबोधन से हुई है. पीएम मोदी ने कहा कि संसद का पुराना भवन भी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा. संसद की पुरानी इमारत को भले ही विदेशी शासकों ने बनवाया लेकिन इसमें पसीना और पैसा भारतीयों को लगा है. पुराने संसद भवन में विशेष सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की 75 साल की संसदीय यात्रा इसका एक बार पुनः स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों को, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को स्मरण करते हुए आगे बढ़ने का यह अवसर है. हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं. आजादी के पहले यह सदन इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल का स्थान हुआ करता था. आजादी के बाद इसे संसद भवन के रूप में पहचान मिली.
पुरानी संसद में है भारतीयों की पसीना
पीएम मोदी ने कहा कि यह सही है कि इस इमारत के निर्माण करने का निर्णय विदेश शासकों का था लेकिन यह बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं इस भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था, परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी मेरे देश के लोगों के थे.
लोकतंत्र की 75 साल की यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस 75 साल की हमारी यात्रा ने अनेक लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं का उत्तम से उत्तम सृजन किया है और इस सदन में रहे प्रत्येक व्यक्ति ने सक्रियता से योगदान भी दिया है और साक्षी भाव से उसे देखा भी है. हम भले नए भवन में जाएंगे लेकिन पुराना भवन यानी यह भवन भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा.
G-20 की सफलता की सराहना
संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज आपने एक स्वर से G-20 की सफलता की सराहना की है. मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं. G-20 की सफलता देश के 140 करोड़ नागरिकों की सफलता है. यह भारत की सफलता है, किसी व्यक्ति या पार्टी की नहीं. यह हम सभी के लिए जश्न मनाने का विषय है.
पुरानी संसद से विदाई लेना है भावुक पल
पीएम मोदी ने आगे कहा कि इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती है और हम यह सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है. उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है.
संसद में पहली बार प्रवेश पर हुए थे भावुक
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं पहली बार जब संसद का सदस्य बना और पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में जब मैंने प्रवेश किया तो सहज रूप से इस सदन के द्वार पर अपना शीश झुकाकर अपना पहला कदम रखा था, वह पल मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ था.