PM मोदी 8 मार्च को त्रिपुरा में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में होंगे शामिल

अगरतला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ मार्च को त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और इसके सहयोगी दल इंडिजीनियस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के गठबंधन की नयी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. हाल ही में संपन्न त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुल 60 में से 32 सीट पर जीत हासिल की है, जबकि इसके सहयोगी दल आईपीएफटी ने एक सीट जीती है.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “प्रधानमंत्री के राज्य के दौरे को लेकर मुख्य सचिव एस. के. सिन्हा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. एसपीजी की एक टीम भी आज आ रही है। प्रधानमंत्री आठ मार्च को नयी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आ रहे हैं.” 60 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 32 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं उसके सहयोग आईपीएफटी ने एक सीट पर जीत हासिल की.

वहीं मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बीते शुक्रवार को अपना इस्तीफा सौंप दिया. पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा था कि 8 मार्च को नई सरकार शपथ लेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह विवेकानंद मैदान में होगा. शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा. वाम मोर्चा ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजों को ‘अप्रत्याशित’ बताते हुए दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विरोधी दलों के बीच मतों के बंटवारे से भाजपा को कम सीटें मिलने के बावजूद चुनाव जीतने में मदद मिली.

वाम मोर्चा ने यह भी दावा किया कि हाल में संपन्न चुनावों में करीब 60 प्रतिशत जनादेश भाजपा के खिलाफ था, क्योंकि चुनाव में भाजपा का मत प्रतिशत 39 प्रतिशत रहा.  वाम मोर्चा के संयोजक नारायण कर ने शुक्रवार को एक समाचार विज्ञप्ति में कहा, ‘अगर पांच साल के कुशासन और लोगों की राय को देखें तो परिणाम संतोषजनक नहीं हैं. भाजपा के खिलाफ करीब 60 प्रतिशत जनादेश यह दर्शाता है कि लोग एक खास पार्टी पर भरोसा नहीं करते.’

इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा का मत प्रतिशत 2018 के 43.59 प्रतिशत के मुकाबले 39 प्रतिशत रह गया है. साठ- सदस्यीय विधानसभा में उसकी सीट भी 36 के मुकाबले 32 हो गयी हैं. माकपा का मत प्रतिशत भी 42.70 प्रतिशत से कम होकर 24 प्रतिशत रह गया है, जबकि कांग्रेस ने अपने मत प्रतिशत में सुधार किया है और यह 1.41 प्रतिशत से बढ़कर 8.56 प्रतिशत पर पहुंच गया है.

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