चंडीगढ़. ‘वारिस पंजाब दे’ (Waris Punjab De) के कानूनी सलाहकार इमान सिंह खारा ने दावा किया कि ‘खालिस्तान समर्थक भगोड़े अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने शाहकोट से गिरफ्तार कर लिया है.’ वकील इमान सिंह खारा ने यह भी आरोप लगाया कि ‘पुलिस एक ‘फर्जी’ मुठभेड़ में अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को मारना चाहती है.’ हालांकि पुलिस ने इस दावे का खंडन किया और कहा कि वे अभी भी अमृतपाल सिंह को पकड़ने की कोशिश में जुटे हैं. खारा ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट (Habeas Corpus writ) दायर की. खारा ने कहा कि ‘अमृतपाल सिंह की जान को खतरा है और उसको शाहकोट पुलिस स्टेशन में रखा गया है.’
वारिस पंजाब दे के वकील खारा ने कहा कि ‘पुलिस ने अमृतपाल सिंह को 24 घंटे के निर्धारित समय के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया है. पुलिस का इरादा दुर्भावनापूर्ण है.’ एडवोकेट खारा ने आरोप लगाया कि ‘पुलिस अमृतपाल की गिरफ्तारी को नहीं दिखाकर, उसे ‘फर्जी मुठभेड़’ में मार सकती है या उसे मनगढ़ंत मामलों में फंसा सकती है.’ खारा ने यह भी कहा कि ‘पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब पुलिस को अमृतपाल सिंह के मामले में एक आधिकारिक पत्र (missive) उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.’
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में जस्टिस एनएस शेखावत ने रिट पर सुनवाई की. एक घंटे से अधिक की बहस के बाद उन्होंने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया. जस्टिस एनएस शेखावत ने पंजाब पुलिस को अमृतपाल सिंह के मामले में आधिकारिक पत्र (missive) उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. दूसरी ओर पंजाब पुलिस ने कहा कि अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है. वे ‘वारिस पंजाब दे’ के तत्वों और उन लोगों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं, जो राज्य में शांति और सद्भाव को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस ने रविवार को 34 और गिरफ्तारियां कीं, जिससे पकड़े गए लोगों की कुल संख्या 112 हो गई. इससे पहले अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने भी दावा किया था कि ‘वारिस पंजाब दे के प्रमुख को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस उसके फरार होने के बारे में ‘झूठ’ बोल रही है.’