पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में ये सभी अपने बारे में पूरी जानकारी देने से बच रहे थे और न तो अपनी असली पहचान बता रहे थे, न ही ये बता पा रहे थे कि वे किस मकान में किराए पर रह रहे थे. इसके अलावा, इन लोगों के पास कोई किरायानामा भी नहीं था. जब पुलिस ने कड़ी पूछताछ की, तब जाकर इन संदिग्धों ने अपनी असली पहचान का खुलासा किया. ये संदिग्ध अकेले थे और उनके परिवार में कोई अन्य सदस्य नहीं था. ऐसे में पुलिस ने निर्णय लिया कि इन सभी पर कार्रवाई की जाए. पुलिस अब मकान मालिकों को भी चेतावनी दे रही है कि यदि कोई बाहरी व्यक्ति उनके मकान में किराए पर रहता है, तो उसका किरायानामा पुलिस को देना अनिवार्य होगा और इसकी जानकारी पुलिस को उपलब्ध करानी होगी.
टीआई विकास उपाध्याय ने कहा, “हम जिले में संदिग्धों पर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. अपराधों में वृद्धि को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. जिन लोगों ने यहां काम करने के लिए आकर रहना शुरू किया है, वे अपनी असली पहचान नहीं बता रहे हैं, और उनके पास कोई ठोस दस्तावेज भी नहीं हैं. अब पुलिस इस पर कड़ी निगरानी रखेगी.”