नई दिल्ली: Post office MIS: बाजार के उतार-चढ़ाव में आपके निवेश को लेकर हमेशा जोखिम बना रहता है. हमें ऐसी जगह भी निवेश का ऑप्शन चुनना चाहिए, जहां पैसा पूरी तरह सेफ हो गारंटीड रिटर्न भी मिले. पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम ( Post Office MIS) एक ऐसी सुपरहिट स्माल सेविंग्स स्कीम है, जिसमें सिर्फ एकबार आपको पैसा लगाना पड़ता है. MIS अकाउंट का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल का होता है. यानी, पांच साल बाद से आपको गारंटीड मंथली इनकम होने लगेगी. आइए इस स्कीम की डीटेल जानते हैं.
ऐसे खोलें अकाउंट
MIS अकाउंट के लिए आपके पास पोस्ट ऑफिस यानी डाकघर में सेविंग्स अकाउंट होना चाहिए. आपके पास आईडी प्रूफ के लिए आधार कार्ड या पासपोर्ट या वोटर कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस आदि होना जरूरी है. आपको 2 पासपोर्ट साइज के फोटोग्राफ देने होंगे. एड्रेस प्रूफ के लिए सरकार द्वारा जारी आईडी कार्ड या यूटिलिटी बिल मान्य होंगे. ये डॉक्युमेंट लेकर आपको पोस्ट ऑफिस जाकर पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम का फॉर्म भरना होगा. इसे आनलाइन भी डाउनलोड कर सकते हैं. फॉर्म भरने के साथ ही नॉमिनी का नाम भी देना होगा. यह खाता खोलने के लिए शुरू में 1000 रुपये कैश या चेक के जरिए जमा करना होगा.
जानिए MIS क्यों है खास?
MIS अकाउंट को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर भी कर सकते हैं. मैच्योरिटी यानी पांच साल पूरा होने पर इसे आगे 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. MIS अकाउंट में नॉमिनेशन की सुविधा है. इस स्कीम पैसा पूरी तरह सेफ होता है. इस पर सरकार की सॉवरेन गारंटी होती है.
प्रीमैच्योर बंद कराने का खास नियम
MIS की मैच्योरिटी पांच साल होती है, इसमें प्रीमैच्योर क्लोजर हो सकता है. हालांकि, डिपॉजिट की तारीख से एक साल पूरे होने के बाद ही आप पैसा निकाल सकते हैं. नियमों के मुताबिक, अगर एक साल से तीन साल के बीच में पैसा निकालते हैं, तो डिपॉजिट अमाउंट का 2% काटकर वापस किया जाएगा. अगर अकाउंट खुलने के 3 साल बाद मैच्योरिटी के पहले कभी भी पैसा निकालते हैं तो आपकी जमा राशि का 1% काटकर वापस किया जाएगा.
जानिए वर्तमान इंटेरेस्ट रेट
इंडिया पोस्ट के मुताबिक, मंथली इनकम स्कीम पर सालाना 6.6 फीसदी ब्याज मिल रहा है. इसका भुगतान हर महीने होता है. पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम में कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है.
MIS में मिलते हैं कई फायदे
MIS में दो या तीन लोग मिलकर भी ज्वाइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं. इस अकाउंट के बदले में मिलने वाली आय को हर मेंबर को बराबर दिया जाता है. ज्वाइंट अकाउंट को कभी भी सिंगल अकाउंट में कन्वर्ट करा सकते हैं. सिंगल अकाउंट को भी ज्वाइंट अकाउंट में कन्वर्ट करा सकते हैं. अकाउंट में किसी तरह का बदलाव करने के लिए सभी अकाउंट मेंबर्स की ज्वाइंट एप्लीकेशन देनी होती है.
ज्वाइंट अकाउंट में मैक्सिमम 9 लाख तक का निवेश
POMIS स्कीम में सिंगल और ज्वाइंट दोनों तरह अकाउंट खुलवाया जा सकता है. मिनिमम 1,000 रुपये के निवेश से अकाउंट खुल सकता है. सिंगल अकाउंट में मैक्सिमम 4.5 लाख रुपए का निवेश कर सकते हैं. वहीं, ज्वाइंट खाते में निवेश की लिमिट 9 लाख रुपए है.