नई दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) के एक पूर्व आयुक्त ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर दिए गए बयान की कड़ी आलोचना की और कहा कि उन्हें भारत की निंदा करने से ज्यादा उसकी सराहना करने में अपनी ऊर्जा खर्च करनी चाहिए. अमेरिकी ईसाई धर्म प्रचारक जॉनी मूर ने कहा कि भारत मानव इतिहास में सबसे विविधता वाला देश है और अमेरिका को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की तारीफ करनी चाहिए.
समाचार एजेंसी एएनआई पर जारी एक वीडियो के मुताबिक उन्होंने आगे कहा, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत एक आदर्श देश नहीं है, ठीक वैसे ही जैसे अमेरिका एक आदर्श देश नहीं है, लेकिन भारती की विविधता ही इसकी ताकत है… यहां तक कि अपनी आलोचना में भी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करने से खुद को नहीं रोक सके.’
#WATCH | Reacting to former US President Barack Obama's remarks about the rights of Indian Muslims, Johnnie Moore, former Commissioner of US Commission on International Religious Freedom, says, "I think the former president (Barack Obama) should spend his energy complimenting… pic.twitter.com/227e1p17Ll
— ANI (@ANI) June 26, 2023
जॉनी मूर ने कहा, ‘अमेरिका भारत से बहुत कुछ सीख सकता है. भारत पूरी दुनिया में सबसे अधिक बहुलवादी देश है. यह धर्मों की प्रयोगशाला है. मैं धर्म के बारे में जानने के लिए भारत गया था और भारत के बारे में उल्लेखनीय चीजों में से एक यह है कि इस लोकतंत्र में कई भाषाएं, धर्म और विभिन्न लोग हैं, जिसका मानव इतिहास में कोई उदाहरण नहीं है – यह कुछ ऐसा है, जिसका हमें जब भी मौका मिले, उसका जश्न मनाना चाहिए.’
गौरतलब है कि सीएनएन को 22 जून को दिए साक्षात्कार में ओबामा ने कथित तौर पर कहा था कि अगर भारत ‘जातीय अल्पसंख्यकों’ के अधिकारों की रक्षा नहीं करता तो इस बात की प्रबल आशंका है कि एक समय आएगा जब देश बिखरने लगेगा. उन्होंने कहा था, ‘अगर (अमेरिकी) राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मोदी से मिलते हैं, तो उन्हें हिंदू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का जिक्र करना चाहिए. अगर मेरी पीएम मोदी से बातचीत हुई, जिन्हें मैं अच्छी तरह से जानता हूं, तो मेरे तर्क का एक हिस्सा यह होगा कि यदि आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत किसी बिंदु पर अलग होना शुरू हो जाएगा.’
पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा पर जॉनी मूर ने कहा, ‘यह सिर्फ भारत के लिए इतिहास का एक हिस्सा नहीं था, यह अमेरिका के लिए भी इतिहास का एक हिस्सा है (पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा)… भारत अविश्वसनीय रूप से एक बहुलवादी देश है. यह एक ऐसा देश है जो हर चुनाव में अपने लोकतंत्र के लिए लड़ता है और भारत में लोकतंत्र जीवित है और यह निश्चित रूप से अमेरिकी कांग्रेस की धारणा थी. वे(पीएम मोदी) यहां आए और डेमोक्रेट और रिपब्लिकन को एक साथ लाए, यही लोकतंत्र का जादू है.’
ओबामा के बयानों की भारत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सहित कई नेताओं ने भी काफी आलोचना की है. सीतारमण ने ओबामा के बयान को आश्चर्यजनक बताते हुए कहा था कि जब वह शासन में थे तब छह मुस्लिम बहुल देशों को अमेरिकी ‘बमबारी’ का सामना करना पड़ा था. सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 13 देशों ने अपने शीर्ष सम्मान से सम्मानित किया है जिनमें से छह मुस्लिम बहुल देश हैं.