नई दिल्ली. कोविड महामारी के बाद इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल होने लगा है. लेकिन इसी के साथ साइबर धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. धोखेबाज बैंक अकाउंट खाली करने के लिए नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं. धोखेबाजों ने पैसे ठगने के लिए नया तरीका ढूंढ निकाला है, जिसको देखते हुए केंद्र सरकार ने लोगों को सतर्क किया है. अगर आप एनीडेस्क या टीम क्यूआर जैसे रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए है. इन सॉफ्टवेयर से आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है. धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने सावधान रहने की सलाह दी है.
सरकार की ओर से चलाए जा रहे ट्विटर हैंडल साइबर दोस्त में कहा गया है कि लोगों को केवाईसी से जुड़े कामों के लिए अपने पीसी या मोबाइल पर एक्ससेस किसी को भी नहीं देना चाहिए. कई लोग ऐसे सॉफ्टवेयर से अपने सिस्टम का कंट्रोल दूसरों को दे देते हैं और बैंकिंग धोखेधड़ी की यह वजह बन जाती है.
समय-समय पर जारी हुए अलर्ट
– फरवरी 2019 में रिसर्व बैंक ने कहा था कि एनीडेस्क जैसे ऐप मोबाइल वॉलेट से पैसा चुरा रहे हैं.
– सितंबर 2021 में स्टेट बैंक ने क्विकसपोर्ट, एनीडेस्क जैसे ऐप पर चेतावनी दी थी.
– फरवरी 2022 में सरकार ने कहा था कि ऑनलाइन दवाई लेते वक्त सर्तक रहें और नकली दवाईयों से बचें.
– 7 फरवरी 2022 को ट्विटर हैंडल साइबर दोस्त ने वेलेंटाइन वीक में गिफ्ट बुकिंग पर भी आगाह किया है.
ऐसे बचें धोखाधड़ी से
KYC वेरिफिकेशन के लिए ऐसे ऐप डाउनलोड न करें और न इससे जुड़े OTP या पहचान शेयर करें. अगर रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करने की जरूरत पड़े, तो उस पर सारे काम अपने सामने कराएं और फिर काम होते ही सॉफ्टवेयर से तुरंत लॉगआउट हो जाएं.