एमसीसी की अगुआई कर रहे पूर्व दिग्गज माइक गेटिंग की अगुआई वाली कमेटी ने सुझाव दिया है कि वनडे की संख्या करने से इसकी क्वालिटी में बढ़ोतरी होगी. साथ ही ग्लोबल कैलेंडर में भी थोड़ी कमी लाई जा सकेगी. अभी टीमों को लगातार मुकाबले खेलने पड़ रहे हैं. टी20 लीग के कारण इंग्लैंड के बल्लेबाज जेसन रॉय से लेकर न्यूजीलैंड के गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट तक सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट तक को ठुकरा चुके हैं. इसने भी आईसीसी की चिंता बढ़ा दी है. आईपीएल की विंडो में भी धीरे-धीरे बढ़ाई जानी है. इसका असर द्विपक्षीय सीरीज पर ही पड़ना है.
टेस्ट के लिए बनेगा स्पेशल फंड
एमसीसी ने यह भी सुझाव दिया है कि टेस्ट के लिए अलग फंड बनाया जाए, क्योंकि बड़े देशों जैसे भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड को छोड़कर इसके आयोजन से छोटे देशों को नुकसान हो रहा है. पिछले दिनों जिम्बाब्वे बोर्ड ने जानकारी दी थी कि उसे 2 टेस्ट आयोजित करने पर करीब 8 करोड़ खर्च करने पड़े थे. इस कारण उसका वित्तीय घाटा बढ़ रहा है. ऐसे में वह घर की बजाय विदेशी धरती पर टेस्ट खेलना पंसद करेगा.
आईसीसी की ओर से 2027 तक का कार्यक्रम बनाया जा चुका है. ऐसे में इसमें किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. इसके बाद धीरे-धीरे वनडे मैचों की संख्या में कटौती की जाएगी. एमसीसी कमेटी की बात करें, तो इसमें पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली, झूलन गोस्वामी जैसे कई दिग्गज शामिल हैं.