PM मोदी ने मॉस्को पहुंचने के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष यह मुद्दा उठाया था. इसके बाद भारतीय सैनिकों की वापसी पर सहमति बनी है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, रूसी सेना में 30 से 40 भारतीय फिलहाल सेवा दे रहे हैं.
रूसी सेना में भर्ती इन भारतीयों की वतन वापसी के लिए भारत सरकार ने कई तरह के राजनयिक प्रयास किए लेकिन रूस की ओर से किसी तरह का आश्वासन नहीं दिया गया. ऐसे में PM मोदी के रूस दौरे के दौरान रूसी सेना में भर्ती इन भारतीयों की सुरक्षित वापसी बड़ी प्राथमिकता थी.
बता दें कि रूस और यूक्रेन जंग में 2 भारतीयों की मौत हुई थी. इसके बाद भारत ने रूस से वहां की सेना में भर्ती भारतीयों को वापस भेजने की मांग की थी.
मोदी को पुतिन ने बताया परम मित्र
दो दिवसीय दौरे पर मॉस्को पहुंचे PM नरेंद्र मोदी को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपना ‘परम मित्र’ बताया था. पुतिन ने PM मोदी का स्वागत करते हुए कहा था कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, परम मित्र आपका हार्दिक स्वागत है. आपको देखकर मुझे बड़ी खुशी हुई. औपचारिक बातचीत कल होने वाली है.
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने PM मोदी को निमंत्रण भेजा था, दोनों नेता मंगलवार को भारत-रूस के बीच 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में बैठक करेंगे. इस द्विपक्षीय बातचीत में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होनी है.
पुतिन के निमंत्रण पर रूस पहुंचे PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 5 साल में पहली बार रूस पहुंचे हैं. यह तीसरे कार्यकाल की उनकी दूसरी विदेश यात्रा है. प्रधानमंत्री सोमवार को भारतीय समयानुसार शाम 5 बजे मॉस्को पहुंचे थे. यहां वणुकोवो-II इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर PM का रूस के प्रथम डिप्टी प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने स्वागत किया था. इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था.
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच आधिकारिक बातचीत आज होगी. इससे पहले भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर अपना रुख साफ करते हुए कहा था कि मौजूदा स्थिति का हल युद्ध के मैदान में नहीं निकाला जा सकता. यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित घर वापसी PM मोदी के प्रमुख एजेंडे में शामिल था.