प्रधानमंत्री मोदी ने महावीर जयंती पर दी श्रद्धांजलि, बोले- उनके आदर्शों से मिलता है प्रेरणा…

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान महावीर की जयंती के पावन अवसर पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांत अहिंसा, सत्य और करुणा आज भी दुनिया भर में लाखों-करोड़ों लोगों को प्रेरणा और शक्ति प्रदान करते हैं।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके आदर्श दुनिया भर में अनगिनत लोगों को शक्ति प्रदान करते है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार हमेशा भगवान महावीर की सोच को साकार करने के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले वर्ष प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया था और इस निर्णय की काफी सराहना हुई थी।प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने संदेश में कहा,  
“हम सभी भगवान महावीर को नमन करते हैं, जिन्होंने सदैव अहिंसा, सत्य और करुणा पर जोर दिया। उनके आदर्श दुनिया भर में अनगिनत लोगों को शक्ति प्रदान करते हैं।”

सरकार भगवान महावीर की सोच को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार महावीर स्वामी के विचारों और जीवन मूल्यों को समाज में उतारने के लिए सतत प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य एक ऐसा समाज बनाना है जो हिंसा से मुक्त हो, सत्य की राह पर चले और करुणा से ओतप्रोत हो। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार हमेशा भगवान महावीर की सोच को साकार करने के लिए काम करती रहेगी।”

प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा – एक ऐतिहासिक कदम

प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में यह भी याद दिलाया कि पिछली वर्ष सरकार ने प्राकृत भाषा को **शास्त्रीय भाषा** का दर्जा दिया था, जो जैन धर्म और प्राचीन भारतीय साहित्य की समृद्ध परंपरा को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण निर्णय था। इस कदम की व्यापक स्तर पर सराहना की गई थी। प्राकृत भाषा जैन धर्म के अनेक ग्रंथों और शिक्षाओं की मूल भाषा रही है। इसे शास्त्रीय भाषा का दर्जा देना जैन संस्कृति और परंपरा के प्रति सम्मान का प्रतीक माना जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!