भारत और चीन के बीच सीमा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की निगरानी के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की नई बटालियनों को अधिकृत करने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने रविवार को दी। उन्होंने कहा कि सरकार सभी सुरक्षा बलों को परिवहन और रसद की मदद मुहैया कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
राय, पर्वतीय युद्ध के लिए प्रशिक्षित आईटीबीपी के 60वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र ने पिछले साल 47 नई सीमा चौकियों और एक दर्जन शिविरों (सीमा पर गश्त करने वाले सैनिकों के लिए ऑपरेशनल बेस) को मंजूरी दी थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘आईटीबीपी के लिए मैनपावर और बटालियन उपलब्ध कराने के लिए विमर्श अंतिम चरण में है।’
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि आईटीबीपी को अपनी नई सीमा चौकियों के लिए लगभग आठ हजार कर्मचारियों वाली सात नई बटालियनों की जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है। जानकारी के अनुसार आईटीबीपी की इन नई बटालियन को मुख्य रूप से भारत के पूर्वी हिस्से पर एलएसी के अरुणाचल प्रदेश सेक्टर में तैनात किया जाएंगा।
अधिकारियों ने बताया कि आईटीबीपी की नई बटालियनों को अनुमति देने और पूर्वोत्तर इलाके में एक सेक्टर मुख्यालय के निर्माण को मंजूरी देने का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास दो साल से अधिक समय से विचाराधीन है। लेकिन, पिछले साल नई सीमा चौकियों और शिविरों के आयोजन को मंजूरी दिए जाने के साथ, अब इस प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
राय ने पिछले साल मई-जून के दौरान लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच झड़पों के दौरान अपनी बहादुरी और अपने विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए आईटीबीपी की सराहना की। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने संघर्ष के समय में बहादुरी और साहस का बेजोड़ प्रदर्शन करने के लिए आईटीबीपी के 20 अधिकारियों और कर्मचारियों को पदक से सम्मानित किया।