चंडीगढ़। पंजाब मूल की रचना सिंह ने कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया राज्य में पहली दक्षिण एशियाई मंत्री के तौर पर शपथ लेकर इतिहास रच दिया। वह पंजाब यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उन्हें शिक्षा और शिशु कल्याण मंत्री बनाया गया है। वह मो सिहोटा के बाद पोर्टफोलियो संभालने वाली दूसरी पंजाबी हैं, लेकिन इतने महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त होने वाली पहली दक्षिण एशियाई महिला हैं। रचना सिंह ने गुरुवार को एक फोन पर दिए इंटरव्यू में आईएएनएस को बताया, मुझे उस सरकार का हिस्सा होने पर गर्व है जो लोगों की सुनती है और उनकी देखभाल करती है। हम सभी के लिए मुफ्त और सुलभ शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने 2017 से शिक्षा पर बहुत सारे निवेश किए हैं और आने वाले वर्षों में भी ऐसा करना जारी रखेगी। चूंकि मैं शिक्षकों के परिवार से आती हूं और अतीत में नस्लवाद विरोधी पर काम कर चुकी हूं, मेरे पास कामकाजी लोगों के बच्चों और विजिबल अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित लोगों की समस्याओं को महसूस करने की समझ है। उनके माता-पिता पिता रघबीर सिंह और मां सुलेखा दोनों के अलावा बहन सिरजाना पेशे से शिक्षक हैं। इसलिए उनका विदेश में शिक्षा मंत्री बनना परिवार के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने पहले नस्लवाद विरोधी पहल के लिए संसदीय सचिव के रूप में ब्रिटिश कोलंबिया सरकार की सेवा की थी। 1 नवंबर को प्रांतीय विधानसभा में अपनी मूल पंजाबी भाषा में एक संक्षिप्त भाषण देने के बाद वह सुर्खियों में आ गईं। सिंह 2001 में अपने पति और ढाई साल के बेटे के साथ कनाडा चली गई थीं। वह घरेलू दुर्व्यवहार के पीड़ितों की मदद करने के लिए रेफरल एजेंट के रूप में सूचना सेवा वैंकूवर में शामिल हुईं। बाद में वह कनाडाई यूनियन ऑफ पब्लिक एम्प्लॉइज में शामिल हो गईं और वर्तमान में सत्तारूढ़ एनडीपी से जुड़ी एक सक्रिय ट्रेड यूनियनिस्ट और राजनीतिक कार्यकर्ता बन गईं।
वह पहली बार 2017 में सरे-ग्रीनटिम्बर्स से विधायक चुनी गईं और अक्टूबर 2020 में फिर से चुनी गईं। उन्होंने एक ड्रग और अल्कोहल काउंसलर, घरेलू हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं के लिए एक सहायक कार्यकर्ता और एक सामुदायिक कार्यकर्ता के रूप में काम किया है।