ग्वालियर का प्रसिद्ध गोपाल मंदिर पूरी सजावट के साथ जन्माष्टमी पर्व के लिए तैयार है. ये वही मंदिर है जहां जन्माष्टमी के मौके पर राधा कृष्ण को 100 करोड़ के हीरे जवाहरात के गहने पहनाए जाते हैं. इस मौके पर मंदिर चौबीस घंटे लगातार खुला रहता है. इस मंदिर की प्रसिद्धि दूर दूर तक है.
ग्वालियर के फूलबाग इलाके में बना गोपाल मंदिर 101 साल पुराना है. इसे सिंधिया राजवंश ने बनवाया था. इस मंदिर में भगवान राधा कृष्ण की अदभुत प्रतिमाएं हैं. वैसे तो इस मंदिर में सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन जन्माष्टमी के पर्व का भक्तों को सालभर इंतज़ार रहता है.
100 करोड़ के एंटीक गहने ग्वालियर के फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर को भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है. सिंधिया रिसायत कालीन 101 साल पुराने गोपाल मंदिर में राधा कृष्ण की अदभुत प्रतिमाएं हैं. जन्माष्टमी के मौके पर तो गोपाल मंदिर पर 24 घंटे का उत्सव मनाया जाता है. जन्माष्टमी के दिन भगवान राधा-कृष्ण को 100 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत के गहनों से सजाया जाता है. ये रियासत कालीन जेवरात हैं जो हीरे-रत्न जड़ित हैं.
इन एंटिक गहनों की कीमत 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है. हीरे मोती पन्ना जैसे कीमती रत्नों से सुसज्जित भगवान के मुकुट और अन्य आभूषण हैं. बेशकीमती गहने सालभर बैंक के लॉकर में रहते हैं. जन्माष्टमी के दिन 24 घंटे के लिए इन गहनों को सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंदिर लाया जाता है. जन्माष्टमी पर इन जेवरातों को पहनाकर राधा-कृष्ण का श्रृंगार किया जाता है. 24 घंटे तक ये जेवर पहनकर भक्तों को दर्शन देते हैं. शहर के महापौर दिन के ठीक 12 बजे गहनों से राधा कृष्ण का श्रृंगार कर महाआरती करते हैं.