बता दें कि रैगिंग की यह घटना बीते महीने प्रथम वर्ष के जूनियर छात्रों के साथ हुई थी. इसके बाद परिजनों ने नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) में शिकायत करने के साथ इंटरनेट में भी इस तरह की शिकायतें पोस्ट कर एनएमसी को टैग किया था. परिजनों की शिकायत के बाद कॉलेज में खलबली मच गई थी. विवाद गहराने के बाद आनन-फानन में एंटी-रैगिंग कमेटी को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी गई. एंटी-रैगिंग कमेटी ने शिकायतों की जांच में जूनियर छात्रों के आरोपों को सही पाया, जिसके आधार पर अब निलंबन की कार्रवाई की गई है.
कॉलेज डीन डॉक्टर विवेक चौधरी ने बताया कि वार्षिकोत्सव आयोजन में कार्यक्रम को लेकर विवाद की शुरुआत हुई थी, जो धीरे-धीरे बढ़ गई. मामला संज्ञान में आते ही तत्काल दोनों पक्षों को समझाया गया था. पुलिस कार्रवाई और कॉलेज से निकाल देना इसके लिए कोई स्थायी समाधान नहीं है, क्योंकि छात्रों के भविष्य के सवाल हैं. इसके साथ ही उन्होंने कार्रवाई की बात कही थी.
50 छात्रों का करा दिया था मुंडन
सूत्रों की मानें तो सीनियर छात्रों ने जूनियरों के साथ बेहद अमानवीय बर्ताव किया था. ऐसी चर्चा है कि करीबन 50 छात्रों के सिर भी मुंडवा दिए गए थे. इतना ही नहीं प्रथम वर्ष के छात्रों का वॉट्सएप ग्रुप बनाकर जूनियर लड़कियों की फोटो मांगी जा रही थी. इसके अलावा सभी छात्रों को बाल एकदम बारीक यानी मुंडवाकर रखने, कॉलेज परिसर में फिट कपड़े न पहनने, सामान्य बैग टांगने, ज्यादा स्टाइलिश जूते न पहनने जैसे तुगलकी फरमान भी थोप दिए गए थे.