प्रदेश में सी-मार्ट से उत्पाद बिक्री में राजनांदगांव जिला द्वितीय स्थान पर

राजनांदगांव। राज्य शासन की ओर से ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास करने के लिए गाँवों में तैयार उत्पादों को शहरों के मार्केट से जोडऩे के लिए सी-मार्ट योजना कारगर साबित हो रही है। जिसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए गांवों में स्थानीय स्तर पर तैयार उत्पादों को शहर के बाजार से जोड़ा गया। इसके अंतर्गत जिले के राजनांदगांव एवं डोंगरगढ़ शहर में सी-मार्ट को आधुनिक शोरूम की तरह स्थापित किया गया है। इस सुविधा से जिले में समूह की महिलाओं के रोजगार को बढ़ावा मिल रहा है। राजनांदगांव जिले के सी-मार्ट केन्द्र से अब तक 2 करोड़ 14 लाख 95 हजार 764 रूपए के वस्तुओं की बिक्री हो गई है, जो प्रदेश में द्वितीय स्थान पर है। समूह की महिलाओं तथा पारंपरिक कुटीर उद्योग द्वारा 2 हजार 617 प्रकार के निर्मित उत्पादों की बिक्री की गई है। सी-मार्ट में अच्छी पैकेजिंग के साथ पंरपरागत सहित अन्य वस्तुओं की बिक्री की जा रही है। जिसमें लोगों का रूझान बढ़ा है और जनसामान्य की ओर से खरीदी की जा रही है।
कलेक्टर डोमन सिंह के निर्देश पर आश्रम-छात्रावासों, स्कूलों, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य, महिला व बाल विकास विभाग सहित अन्य विभागों की ओर से सी-मार्ट से खाद्यान्न और अन्य जरूरतों के सामग्रियों की खरीदी की जा रही है। जिला पंचायत सीईओ अमित कुमार के प्रयासों से सी-मार्ट के लिए अच्छा कार्य किया जा रहा है। सी-मार्ट के माध्यम से समूह की महिलाओं तथा पारंपरिक कुटीर उद्योग द्वारा निर्मित उत्पादों का समुचित मूल्य मिल रहा है। ग्रामीण व महिला समूह की ओर से स्थानीय स्तर पर उत्पादित वस्तुएं सी-मार्ट में एक ही स्थान पर विभिन्न तरह के उत्पाद जनसामान्य के लिए उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद जैविक उत्पादों के अलावा विभिन्न तरह के मसालों तथा खाद्य पदार्थों की वेरायटी यहां उपलब्ध है। यहां आरूग जैविक सुगन्धित चावल, आरूग जैविक कोदो, रागी आटा, हल्दी, काला चावल, आरूग शहद, हिमालयन काला नमक, अदोरी बड़ी, गरम मसाला, मूंग पापड़, आंवला अचार, पोहा, महुआ चिक्की, महुआ लड्डू, मशरूम के अचार, मशरूम के पापड़, वैदिक पेय, नीम दंत मंजन, सेनेटरी पैड, गौधूली तिलक चंदन, देशी गाय के गोबर का कंडा, शुद्ध आम की लकड़ी, पत्तल, मसाला, चावल पापड़, पास्ता, धनिया पाऊडर, मिर्ची पाऊडर, साबुन, फिनाईल, बैग उपलब्ध है। साथ ही पर्स, बुनकरों के हस्तनिर्मित बेडशीड, टॉवेल, रूमाल और अन्य उत्पाद उपलब्ध हैं। सी-मार्ट में अब रूरल इंडस्ट्रियल पार्क रीपा में उत्पादित प्रोडक्ट भी उपलब्ध रहेंगे। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी से विकास करने और गाँवों में तैयार उत्पादों को शहरों के मार्केट से जोडऩे की पहल सार्थक साबित हो रही है। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की योजनाओं के अंतर्गत महिला स्व- सहायता समूहों, शिल्पियों, बुनकरों, दस्तकारों, कुंभकारों अथवा अन्य पारंपरिक व कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों का समुचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए इनकी व्यावसायिक ढंग से मार्केटिंग के लिए शहरों में आधुनिक शो-रूम की तरह सी-मार्ट स्थापित हो रहे हैं।

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