कारगिल विजय दिवस पर राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को दी चेतावनी, कही यह बात

Rajnath Singh warned Pakistan: कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने बुधवार को लद्दाख के द्रास में कारगिल वॉर मेमोरियल पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान (Pakistan) को चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में जरूरत पड़ी तो हम नियंत्रण रेखा (LoC) पार कर सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत अपनी अखंडता से कभी समझौता नहीं करेगा.

जरूरत पड़ी तो भविष्य में पार करेंगे LoC: राजनाथ सिंह

कारगिल युद्ध स्मारक पर जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा, ‘उस समय हमने नियंत्रण रेखा (LoC) पार नहीं किया था, इसका मतलब यह नहीं है कि हम एलओसी पार नहीं कर सकते थे. हम LoC पार कर सकते थे, हम LoC पार कर सकते हैं और भविष्य में भी जरूरत पड़ी तो LoC पार करेंगे. मैं देशवासियों को ये विश्वास दिलाता हूं.’

सेना सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम: सेना प्रमुख

इस दौरान राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान (CDS General Anil Chauhan) के अलावा तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद थे. उन्होंने भी कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि भविष्य में हमारी सेना किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए तकनीकी रूप से सक्षम होगी.

कारगिल विजय हर भारतीय की जीत: राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा, ‘कारगिल दिवस पर मैं यहां आकर बेहद खुश हूं. मैं उन जवानों को नमन करता हूं, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. मैं इस अवसर पर पूरे देश को बधाई देता हूं. मैं बता नहीं सकता कि यहां आकर मुझे कितना गर्व है. इन मजबूत सैनिकों के कारण ही हमारा देश खड़ा है. सीमा की रक्षा के लिए जवानों ने भरपूर पराक्रम दिखाया, जिसे इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा. कम ऑक्सीजन के बावजूद हमारे जवानों ने कभी चौकसी में कमी नहीं आने दी. कारगिल विजय हर भारतीय की जीत थी.’

कारगिल युद्ध से भारत ने खुद को साबित किया: राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा, ‘जब कारगिल युद्ध शुरू हुआ तो दुनिया कह रही थी कि क्या भारत पाकिस्तान से चोटियां वापस ले पाएगा. काफी सवाल उठाए गए कि क्या भारत परमाणु शक्ति संपन्न पाकिस्तान से चोटियां वापस ले पाएगा, भारत अपनी अखंडता से कभी समझौता नहीं करेगा. युद्ध न केवल परमाणु शक्ति से लड़ा गया, बल्कि सैनिकों के मूल्य से भी लड़ा गया. हमारी सेना भाड़े के सैनिकों की सेना नहीं है और वे पैसे को नहीं बल्कि सम्मान को महत्व देते हैं. जब हम अपने सैनिकों के बारे में बात करते हैं तो वे देश की रक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं. ऐसी सेना के सामने कोई भी देश नहीं टिक सकता, पाकिस्तान की तो बात ही क्या.’

कारगिल युद्ध से हमने बहुत कुछ सीखा: राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने आगे कहा, ‘मैं देशवासियों से कहना चाहता हूं कि कारगिल युद्ध से हमने बहुत कुछ सीखा है. यूक्रेन और रूस के बीच एक साल से ज्यादा समय से युद्ध जारी है. हमें इन युद्धों से सीखने की जरूरत है. उन दोनों देशों के बीच युद्ध अभी भी जारी है और इसका कारण नागरिक आबादी की भागीदारी है. और भारत में स्थानीय आबादी को एक प्रशिक्षित सैनिक के रूप में भविष्य के किसी भी युद्ध का हिस्सा बनने के लिए तैयार रहना चाहिए.’

कारगिल युद्ध का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, ‘उस समय हमने एलओसी पार नहीं की थी, क्योंकि हम अपने मूल्यों के मालिक हैं और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करते हैं. लेकिन, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं. भविष्य में जरूरत पड़ने पर हम एलओसी पार करेंगे. हमने तब एलओसी पार नहीं की थी, लेकिन जरूरत पड़ने पर हम एलओसी पार कर सकते हैं.’

सैनिकों के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता: सेना प्रमुख

वही सेना प्रमुख मनोज पांडे ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हमें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए. सेना प्रमुख मनोज पांडे ने कहा, ‘हम यहां उन सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए हैं, जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मन सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया था. सैनिकों के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता और इसके लिए हम सदैव उनके ऋणी रहेंगे. ये चोटियां जो आप चारों ओर देख रहे हैं, उन पर दुश्मन ने कब्जा कर लिया था और हमारे बहादुर सैनिकों ने इन सभी चोटियों पर फिर से कब्जा करना सुनिश्चित किया. युद्ध के दौरान भी वायुसेना ने अहम भूमिका निभाई थी. स्थानीय जनता ने भी हमेशा सेना का समर्थन करना सुनिश्चित किया. भविष्य में हमें और अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और हमें उन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए और सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए तकनीकी रूप से सक्षम होना होगा.’

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