Narendra Modi News: राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दे रहे पीएम मोदी के भाषण के दौरान विपक्षी सांसदों ने सदन के वेल में हंगामा किया. अडानी मामले में जेपीसी के गठन की मांग को लेकर विपक्ष के सांसदों ने नारेबाजी भी की. सदन में विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी को लेकर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं इन सांसदों (विपक्षी सांसदों) से कहना चाहता हूं कि आप जितना अधिक कीचड़ फेंकेंगे, कमल उतना ही अच्छा खिलेगा.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह सदन राज्यों का सदन है बीते दशकों में अनेक बुद्धिजीवियों ने सदन से देश को दिशा दी. सदन में ऐसे लोग भी बैठे हैं जिन्होंने अपने जीवन में कई सिद्धियां प्राप्त की है. सदन में होने वाली बातों को देश गंभीरता से सुनता और लेता है. लेकिन यह दूर्भाग्यपूर्ण है कि सदन में कुछ लोगों का व्यवहार और वाणी न सिर्फ सदन को बल्कि देश को निराश करने वाली है. माननीय सदस्यों को मैं कहूंगा कि ‘कीचड़ उसके पास था मेरे पास गुलाब… जो भी जिसके पास था उसने दिया उछाल’, जितना कीचड़ उछालोगे कमल उतना ज़्यादा खिलेगा.’
‘कल खड़गे जी शिकायत कर रहे थे कि…’
पीएम मोदी ने कहा, ‘कल खड़गे जी शिकायत कर रहे थे कि मोदी जी बार-बार मेरे चुनावी क्षेत्र में आते हैं. मैं उन्हें कहना चाहता हूं मैं आता हूं वह तो आपने देखा लेकिन आप यह भी देखें कि वहां 1 करोड़ 70 लाख जनधन बैंक अकाउंट खुले हैं. सिर्फ कलबुर्गी में ही 8 लाख से ज़्यादा जनधन खाते खुले हैं.’ उन्होंने कहा, ‘इसे देखकर उनकी (मल्लिकार्जुन खड़गे) पीड़ा मैं समझ सकता हूं. आप दलित की बात करते हैं यह भी देखें कि उसी जगह दलित को चुनाव में जीत भी मिली. अब आपको जनता ही नकार दे रही है तो आप उसका रोना यहां रो रहे हैं.’
‘विकास की गति क्या है, यह बहुत मायने रखता है’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कोई भी जब सरकार में आता है तो वह देश के लिए कुछ वादा करके आता है लेकिन सिर्फ भावनाएं व्यक्त करने से बात नहीं बनती है. विकास की गति क्या है, विकास की नीव, दिशा, प्रयास और परिणाम क्या है यह बहुत माएने रखता है.’
पीएम ने साधा कांग्रेस पर निशाना
पीएम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ’60 साल कांग्रेस के परिवार ने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे… हो सकता है उनका इरादा न हो, लेकिन उन्होंने गड्डे किए. जब वो 6 दशक बर्बाद कर चुके थे… तब दुनिया के छोटे-छोटे देश भी सफलता के शिखरों को छू रहे थे. लोग समस्याओं का सामना कर रहे थे, लेकिन उनकी प्राथमिकताएं अलग थीं और इसलिए, उन्होंने कभी भी समस्याओं का स्थायी समाधान खोजने की कोशिश नहीं की.’
‘हमारी प्राथमिकता हमारे देश के नागरिक’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ वे (कांग्रेस) ‘गरीबी हटाओ’ कहते थे, लेकिन 4 दशकों से अधिक समय तक कुछ नहीं किया. जबकि हम देश के लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. हमारी प्राथमिकता हमारे देश के नागरिक थे इसलिए हमने 25 करोड़ से ज़्यादा परिवारों तक गैस कनेक्शन पहुंचाया. इसमें हमें नए इंफ्रास्ट्रक्चर और धन खर्च करना पड़ा. 18,000 से ज़्यादा गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं पहुंची थी. समयसीमा के साथ हमने 18,000 गांव में बिजली पहुंचाई.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘देश के आधे से ज्यादा लोगों के पास बैंकिंग सुविधाएं नहीं थीं. हमने एक स्थायी समाधान निकाला और जन धन कार्यक्रम की शुरुआत की. हमने बैंकों को प्रेरित किया और उन्हें ऑनबोर्ड किया. पिछले 9 साल में 48 करोड़ जन धन बैंक खाते खोले गए हैं.’
‘जिनको ये पैसा नहीं मिल पाया, उनका चिल्लाना स्वाभाविक’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जनधन, आधार और मोबाइल…ये वो त्रिशक्ति है, जिससे पिछले कुछ वर्षों में 27 लाख करोड़ रुपये DBT के माध्यम से सीधा हितधारकों के खातों में गए हैं. इससे 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक रुपया… जो किसी इको-सिस्टम के हाथों में जा सकता था वो बच गया. अब जिनको ये पैसा नहीं मिल पाया, उनका चिल्लाना स्वाभाविक है.’ उन्होंने कहा, ‘हमने सैचुरेशन का रास्ता चुना अर्थात शत प्रतिशत लाभार्थी को लाभ पहुंचे. सरकार इस राह पर काम कर रही है. सैचुरेशन का मतलब होता भेदभाव की सारी गुंजाइश खत्म करना. यह तुष्टीकरण की आशंकाओं को खत्म कर देता है.’
‘कांग्रेस बाज नहीं आ रही है’
पीएम मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस को बार-बार देश नकार रही है लेकिन कांग्रेस और उसके साथी अपनी साजिशों से बाज़ नहीं आ रही है लेकिन जनता इसे देख रही है और उनको हर मौके पर सज़ा भी दे रही है.’
‘यही सच्ची पंथ निरपेक्षता है’
राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा, ‘हम एक ऐसी कार्य संस्कृति को लेकर आए हैं जो देश में मेरा-तेरा, अपना-पराया जैसे सभी भेदों को मिटाने वाली है. यह तुष्टिकरण की आशंकाओं को समाप्त कर देता है. हर योजना के जो लाभार्थी हैं उन तक इसका शत-प्रतिशत लाभ कैसे पहुंचे हम इसे सुनिश्चित कर रहे हैं. अगर सच्ची पंथ निरपेक्षता है तो यही है और हमारी सरकार इस राह पर निरंतर आगे बढ़ रही है.’