राज्यसभा के लिए प्रदेश संगठन की तरफ से नामों की सूची लेकर प्रदेश कांग्रेस (पीसीसी) अध्यक्ष मोहन मरकाम शनिवार दिल्ली पहुंच गए हैं। जहां उनकी मुलाकात पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से हुई है। देर शाम तक पार्टी आलाकमान से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई, लेकिन इधर टिकट के दावेदारों की धड़कने तेज हैं। बता दें कि प्रदेश से राज्यसभा के लिए दो सदस्यों का चुनाव होना है। विधानसभा में संख्या बल को देखते हुए दोनों सीट कांग्रेस के कब्जे में रहेगी। इस वजह से दावेदारों की संख्या बढ़ गई है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार राज्यसभा के लिए नाम तय करने से पहले पार्टी आलाकमान की तरफ से मुख्यमंत्री बघेल की भी राय ली जाएगी। श्ानिवार को मुख्यमंत्री बघेल पूरे दिन भेंट- मुलाकात कार्यक्रम में व्यस्त रहे। हालांकि एक दिन पहले मुख्यमंत्री बघेल और मरकाम काफी देर तक साथ में थे। चर्चा है कि इस दौरान दोनों के बीच राज्यसभा के टिकट को लेकर भी बता हुई है।
प्रदेश से इन नामों की चर्चा
राज्यसभा के लिए प्रदेश के जिन नेताओं के नामों की चर्चा चल रही है उनमें सतनामी समाज के धर्मगुरु बालदास, पूर्व सांसद पीआर खुंटे, मंत्री शिव डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया का नाम श्ाामिल हैं। वहीं ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा, महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा, पूर्व विधायक लेखराम साहू, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन और महिला आयोग की अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक का नाम है। इसी तरह वहीं सामान्य वर्ग से मुख्यमंत्री के सलाहकार और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी, डा. राकेश गुप्ता, संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, पाठय पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी और खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी की चर्चा है।
एक सीट से केंद्रीय नेता के नाम की चर्चा
पार्टी संगठन में इस बात की चर्चा है कि प्रदेश्ा पार्टी के किसी राष्ट्रीय नेता को राज्यसभा भेजा जा सकता है। अभी केटीएस तुलसी प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य हैं। ऐसे में प्रदेश के नेताओं के लिए एक सीट बचेगी।
इस वजह से होगा चुनाव
प्रदेश से राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम और छाया वर्मा का कार्यकाल जून में खत्म हो रहा है। नेताम अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं और वर्मा ओबीसी हैं।