राजनांदगांव। भगवान श्रीराम के शुभागमन की प्रतीक्षा में राममय हुआ राजनांदगांव जिला। 22 जनवरी को अयोध्या में श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा-रामोत्सव के लिए जनसामान्य में अभूतपूर्व उल्लास एवं आनंद है। श्रीराम की कथा न केवल भारत बल्कि वियतनाम, इंडोनेशिया देश-विदेश तक फैली हुई है। युग-युगांतर तक भारतीय संस्कृति में राम कथाएं पुष्पित पल्लवित होती आयी हैं। सहज, सरल एवं जीवंत जनमानस में रचे-बसे श्रीराम के जीवन की कथा में संयोग एवं वियोग की कथाएं हैं। पिता के वचन एवं माता की आज्ञा शिरोधार्य कर वन-वन भटकने वाले प्रभु श्रीराम के आयोध्या लौटने पर जो हर्षोल्लास था, वैसे ही खुशी जिलेवासियों में दिखाई दे रही है। आस्था और भक्ति के भाव देख बरबस ही देश के प्रख्यात कवि पंडित रविद्रनाथ टैगोर की कालजयी कृति गीतांजलि की यह पंक्तियां याद आती है-
प्रभु तेरी प्रतीक्षा में जागते आंखे थक गई
तुझसे भेंट नहीं हुई, तब भी मैं तेरी राह देख रहा हूं्र
यह राह देखना भी मुझे प्रिय लगता है।
देश भर में प्रभु श्री रामलला प्राण-प्रतिष्ठा के लिए ऐतिहासिक उत्साह है, ऐसे संयोग विरले ही होते हंै। शबरी के मीठे बेर खाने वाले श्रीराम, माता अहिल्या को पत्थर होने के श्राप से मुक्त करने वाले श्रीराम और उनकी गाथाएं अक्षुण्य है। विषम परिस्थितियों को स्वीकार करना और उनसे राह बनाना प्रेरक एवं मार्गदर्शक है और राम-भरत मिलाप, जटायु पर कृपा, रामसेतु निर्माण, जैसे अनगिनत प्रसंग है, जो पथ प्रदर्शक हैं। राम-रावण युद्ध के परिपे्रक्ष्य में सुप्रसिद्ध कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला कालजयी की कृति राम की शक्ति पूजा के स्वर गूंज उठते हैं-
रवि हुआ अस्त, ज्योति के पत्र पर लिखा अमर
रह गया राम-रावण का अपराजेय समर
आज का तीक्ष्ण शर-विधृत-क्षिप्रकर, वेगप्रखर
शतशेलसम्वरणशील, नील नभगज्र्जित स्वर
प्रभु श्रीराम के शौर्य, शक्ति एवं साहस की ऐसी बानगी दूसरी नहीं है।
राजनांदगांव शहर में चारों ओर उत्साह और खुशहाली है। ऐसा लग रहा है, जैसे हमारा शहर अयोध्या हो गया है। कहीं दिया खरीदते लोग, तो कहीं प्रभात फेरी, कहीं मंदिर एवं देवालयों में घंटियों एवं प्रार्थना की मंगल ध्वनि सुनाई दे रही है। नन्हे बच्चे प्रभु श्रीराम, माता सीता एवं हनुमान की वेशभूषा एवं परिधान में नजर आ रहे हंै। बच्चों के साथ बड़े-बुजुर्ग सभी इस उत्सव में शामिल हो रहे हैं।
राकेश ठाकुर ने बताया कि जिले में दिग्विजय स्टेडियम में मुख्य कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जा रहा है। संस्कारधानीवासी विभिन्न धार्मिक-सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि एक साथ जुड़कर आयोजन कर रहे हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है। प्रभु श्रीराम हमारे अराध्य हैं। उन्होंने वनवासी, पिछड़े वर्ग सभी वर्ग को साथ लेकर चलने कि जो प्रेरणा दी है, आज के समय में इसकी नितांत आवश्यकता है। प्रभु श्रीराम के आगमन पर दिग्विजय स्टेडियम में 5 लाख से अधिक दीये प्रज्जवलित किए जा रहे हैं। संस्कारधानी में रामोत्सव को दीपोत्सव की तरह मनाया जाएगा। आम जनता की सहभागिता इसमें स्वमेव जुड़ते जा रही है। दीप प्रज्जवलन के माध्यम से प्रभु श्रीराम का सजीव चित्रण किया जाएगा एवं ओम की आकृति बनाई जाएगी। कार्यक्रम में भूतपूर्व सैनिक शामिल हो रहे हैं। दीपोत्सव के दौरान भव्य आतिशबाजी की जाएगी, जो आकर्षण का केन्द्र रहेगा।अनिल तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन ने श्री रामलला दर्शन योजना अंतर्गत विशेषकर आर्थिक दृष्टिकोण से जरूरतमंद लोगों को ध्यान में रखकर यह योजना प्रारंभ की है, जो बहुत अच्छी योजना है। 55 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी और शासन द्वारा हितग्राहियों के आने-जाने का खर्च वहन किया जाएगा। उन्होंने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त किया।