राजनांदगांव। न्यायालय माननीय अपर सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (पॉक्सो) राजनांदगांव पीठासीन न्यायाधीश श्री शैलेष शर्मा द्वारा पॉक्सो एक्ट के एक मामले में 20 जनवरी को फैसला सुनाया है। फैसले के अनुसार नाबालिक के बलात्कारी गिरधारी भौसारे को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 450 के आरोप में दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000 रूपये के अर्थदंड तथा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376 (3) के आरोप में 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 3000 रूपये अर्थदंड की सजा से दण्डित किये जाने का दण्डादेश पारित किया गया है। अर्थदंड की राशि अदा न किये जाने की स्थिति में अभियुक्त को प्रत्येक अर्थदंड में चूक के लिए एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी। मामले में छ.ग. राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजनांदगाँव परवेज़ अख्तर ने पैरवी की।
प्रकरण का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि लगभग ढाई वर्ष पहले आरोपी गिरधारी भौसारे उम्र लगभग 40 वर्ष द्वारा 14 वर्षीया नाबालिग को रात के समय घर में अकेली देखकर जबरदस्ती उसका हाथ पकड़कर खींचते हुए उसे अन्यत्र ले जाकर दुष्कर्म किया। पीड़िता की रिपोर्ट पर थाना चिल्हाटी द्वारा एफआईआर दर्ज कर मामला जांच में लिया गया। जांच के दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया तथा संपूर्ण जाँच उपरान्त आरोपी गिरधारी भौसारे के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 450, 376, 506 भादवि एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 4 के तहत् चालान विचारण हेतु विशेष न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था।