बीजिंग. चीन में अब तक का सबसे बड़ा कोरोना कहर देखा जा रहा है. यहां रोजाना 10 लाख कोरोना मामले सामने आ रहे हैं जबकि मरने वालों की संख्या गिनना मुश्किल हो रहा है. न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने गुरुवार को लंदन की एक एनालिटिक्स फर्म की ताजा रिसर्च का हवाला देते हुए कहा है कि चीन में दुनिया का संभवत: अब तक का सबसे बड़ा कोरोना प्रकोप फैल गया है और चीन उसे रोकने के लिए संघर्ष कर रहा है. यहां हर 24 घंटे में 1 लाख कोविड -19 मामले और 5,000 मौतों का आंकड़ा दर्ज हो सकता है.
एयरफिनिटी लिमिटेड के अनुसार, शी जिनपिंग सरकार ने कोविड-19 के कारण होने वाली मृत्यु के लिए एक संकीर्ण परिभाषा अपनाई है जिससे मृतकों की संख्या गिनना मुश्किल हो जाता है. सरकार ने कोरोना जीरो टॉलेरेंस की घोषणा की थी, लेकिन अब कोरोना की रफ्तार बेकाबू हो गई है. कोविड प्रोटोकॉल को खत्म करने के चीन के आग्रह से कोरोना की गति उतनी ही तेज हो गई है, जितनी कि ओमिक्रॉन सबवेरिएंट BF.7 के उभरने से सामने आई हैं. यहां कोरोना मामलों की मौजूदा लहर इतनी तेज है कि ऐसा माना जा रहा है कि अगले महीने तक नए मामले 37 लाख और मार्च तक इनके 42 लाख हो जाने की आशंका है.
चीन की सरकार कटघरे में, पाबंदी में छूट देने से मुसीबत बढ़ी
एयरफिनिटी लिमिटेड के खुलासे के बाद चीन की सरकार कटघरे में है. चीन की सरकार ने पहले बेहद सख्त पाबंदी लगाई थी और इसे जीरो टॉलरेंस नाम दिया था, लेकिन बाद में इस पाबंदी में कुछ छूट दे दी थी. इस बारे में अमेरिकी महामारी विज्ञानी एरिक फेगल-डिंग ने इसी सप्ताह कहा था कि चीन की सरकार ने पाबंदी पर ऐसे छूट दे दी है ‘जिससे लगता है कि वह चाहती है कि जिसे संक्रमित होना है, हो जाए और वह जिसे मरना है उसे मरने दो’ की नीति अपना रही है. इधर, चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के वू जुनयू ने भी चेतावनी दी थी कि चीन में प्रतिदिन 10 लाख कोरोना मामले आ सकते हैं, अब वही बात लंदन की एनालिटिक्स फर्म ने अपनी रिसर्च में कही है.
क्या भारत को चिंतित होना चाहिए?
भारत ने बुधवार को नए BF.7 संस्करण के अपने पहले मामलों की पुष्टि की. इनमें गुजरात से 3 और ओडिशा से 1 केस मिला है. सरकार ने कहा है कि चारों को अलग-थलग कर दिया गया, उनका इलाज किया गया और वे संक्रमण से उबर चुके हैं.