नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) उत्तर प्रदेश के एक बैंक का बैंकिंग लाइसेंस कैंसिल कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने पर्याप्त पूजीं नहीं होने और कमाई की संभावनाएं खत्म होने पर लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. आरबीआई ने उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और पंजीयक से भी बैंक को बंद करने और सहकारी बैंक के लिए एक लिक्विडेटर नयुक्त करने का अनुरोध किया है.
लाइसेंस रद्द करके रिजर्व बैंक ने लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक को बैंकिंग कार्य करने से प्रतिबंधित कर दिया है. बैंक को तत्काल प्रभाव से जमा स्वीकार करना और जमा का पुनर्भुगतान करने से रोक दिया गया है. आरबीआई के मुताबिक लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ है. बैंकिंग व्यवसाय को आगे बढ़ाने की अनुमति दिए जाने से सार्वजनिक हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने वाला है.
क्या ग्राहकों को वापस मिलेगा पैसा?
ग्राहकों के बैंक में जमा पैसे पर पांच लाख रुपये के डिपॉजिट इंश्योरेंस का कवर मिलता है. इसलिए बैंक में जमा ग्राहकों का 5 लाख रुपये तक पैसा नहीं डूबेगा और डिपॉजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ग्राहकों के पैसे लौटा देगा. आरबीआई ने कहा कि बैंक के दिए आंकड़ों के अनुसार 99.53 प्रतिशत जमाकर्ता DICGC से अपने जमा राशि का पूरा पैसा लेने के हकदार हैं. इसका मतलब है कि बहुत कम ग्राहकों के ही इस बैंक में 5 लाख से ज्यादा पैसा जमा है. जिन लोगों के पांच लाख रुपये से ज्यादा जमा है, उन्हें भी केवल पांच लाख रुपये ही मिलेंगे.
इन बैंकों पर भी चल चुका आरबीआई का डंडा
RBI ने कुछ दिन पहले ही नासिक जिले के गिरना सहकारी बैंक लिमिटेड (Nashik Zilla Girna Sahakari Bank Limited) का भी बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया था. इसी तरह इसी महीने ही मुंबई स्थित कपोल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और 21 सितंबर को तिरुवनंतपुरम के अनंतशयनम सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस कैंसिल कर दिया था. आरबीआई का डंडा कर्नाटक के मल्लिकार्जुन पट्टाना सहकारी बैंक और यूपी के बहराइच स्थित नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर भी चल चुका है.