बेंगलुरु भगदड़ मामले में RCB ने खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा, भगदड़ में 11 लोगों की हुई थी मौत

RCB Bengaluru Stampede News: IPL में RCB को मिली जीत के बाद 4 जून को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी भीड़ की वजह से भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 75 लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद RCB टीम समेत 4 पार्टियों/संगठनों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई। इस मामले में पुलिस ने RCB के मालिक रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स लिमिटेड (RCSL) के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया था। जिसके खिलाफ RCSL ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

‘हमें गलत तरीके से फंसाया गया’

RCSL का तर्क है कि उसे इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है। याचिका में दावा किया गया कि RCB द्वारा शेयर किए गए सोशल मीडिया पोस्ट में साफ लिखा था कि मैदान में उन्हीं लोगों को एंट्री दी जाएगी, जिन्होंने बेंगलुरु टीम की ऑफिशियल वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाया था। उसे इस मामले में फंसाया जा रहा है। इसके अलावा कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) की ओर से आयोजित इस समारोह का मैनेजमेंट संभालने वाली कंपनी डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क ने भी अपने खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया है।

‘लाइव लॉ’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक याचिका में दावा किया गया है कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA), डीएनए नेटवर्क्स और पुलिस अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद ही विक्ट्री परेड करवाने की घोषणा की थी।

यह भी बताया गया कि 4 जून की सुबह आरसीबी टीम को मौखिक रूप से जानकारी दी गई कि बेंगलुरु पुलिस ने विक्ट्री परेड के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। साथ ही उसे यह भी बता दिया गया था कि सीएम सिद्धारमैया विधान सौधा पर बेंगलुरु टीम को सम्मानित करने का प्लान बना रहे हैं।

किसे ठहराया जिम्मेदार?

RCB द्वारा दायर हुई याचिका में कहा गया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने टीम के सम्मान समारोह में लोगों को आमंत्रित किया था। RCB टीम ने सीएम सिद्धारमैया के ट्वीट को सबूत के तौर पर पेश किया है। रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (RCSPL) को मैदान के बाहर लोगों की मौत की खबर तब मिली जब चिन्नास्वामी स्टेडियम में समारोह शुरू हो चुका था।

क्या है पुलिक का तर्क?

मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले को CID को भेज दिया गया है, जो इस मामले की जांच कर रही है। इसके अलावा RCB के मार्केटिंग और रेवेन्यू हेड निखिल सोसले को न्यायिक हिरासत में रखा गया है, जबकि हाईकोर्ट ने पुलिस को फिलहाल KSCA अधिकारियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से रोक दिया है।

इस मामले में बेंगलुरु पुलिस का कहना है कि उसके अफसर 4 जून की सुबह 5:30 बजे तक स्टेडियम के आसपास ड्यूटी पर थे। इस दौरान कर्नाटक विधानसभा में RCB की जीत पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ था, इसको देखते हुए चिन्नास्वामी स्टेडियम में उसने प्रोग्राम करने की अनुमति नहीं दी थी।

सोशल मीडिया पर पोस्ट से बिगड़ी बात

पुलिस की ओर से लिखी FIR में बताया गया है कि अनुमति नहीं देने के बावजूद KSCA, RCB और डीएनए ने इसकी अनदेखी करके कार्यक्रम को आगे बढ़ा दिया। इसके अलावा बिना किसी आधिकारिक अनुमति के 4 जून को RCB ने अपने सोशल मीडिया और वेबसाइट पर जश्न और विक्ट्री की घोषणा की और फैंस को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।

जब यह खबर टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर फैली तो हमने (पुलिस ने) अपने सीनियर अफसरों को इसकी सूचना दी और सुरक्षा और आवश्यक इंतजाम करने का अनुरोध किया था। पुलिस ने तर्क दिया कि RCB के सोशल मीडिया पोस्ट ने स्थिति को और खराब कर दिया।

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