पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भड़का विद्रोह, मुनीर की फौज ने लोगों पर चलाई गोलियां

इस्लामाबाद। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। हजारों लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं और बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।

सोमवार, 29 सितंबर को ‘शटर डाउन और व्हील जाम’ हड़ताल का ऐलान किया गया है। यह आंदोलन अवामी एक्शन कमेटी (AAC) के नेतृत्व में चल रहा है, जो लंबे समय से लंबित राजनीतिक और आर्थिक अधिकारों की मांग कर रही है।

कोटली से शुरू हुआ बवाल

शनिवार 27 सितंबर को कोटली में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई। प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सैनिकों ने गोलियां चलाईं और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

कई लोग घायल हुए। स्थानीय प्रशासन ने पुलिसकर्मियों के भी जख्मी होने की पुष्टि की। इस आक्रामक रवैये ने जनता के गुस्से को और भड़का दिया, जिससे गहराई तक बैठे असंतोष की झलक साफ दिखाई दी।

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प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें

  • अवामी एक्शन कमेटी (AAC) ने 38 सूत्री मांगपत्र पेश किया है, जिसमें संरचनात्मक सुधारों पर जोर दिया गया है।
  • पीओके विधानसभा में पाक में रह रहे शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 सीटें खत्म की जाएं।
  • स्थानीय समुदायों को सस्ती आटे की आपूर्ति सुनिश्चित हो।
  • मंगला हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट से जुड़े बिजली दरें न्यायसंगत हों।
  • इस्लामाबाद द्वारा लंबे समय से लंबित सुधार तुरंत लागू हों।

आंदोलन का नेतृत्व कौन कर रहा?

AAC के वरिष्ठ नेता शौकत नवाज मीर ने मुजफ्फराबाद में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा अभियान किसी संस्था के खिलाफ नहीं है। यह बुनियादी अधिकारों के लिए है, जो हमें 70 वर्षों से नहीं मिले। अब बहुत हो चुका। हमें या तो अधिकार दीजिए या जनता के गुस्से का सामना कीजिए। नीलम वैली पब्लिक एक्शन कमेटी, मीर के नेतृत्व में सोमवार को पूर्ण बंद का आह्वान कर चुकी है।

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