हिरोशिमा. जापान के हिरोशिमा में शनिवार से शुरू हुए G7 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान सभी सदस्य देशों ने एक संयुक्त बयान जारी किया. इस बयान में इन 7 सदस्य देशों ने कहा कि वे यूक्रेन के खिलाफ रूस के अवैध, अनुचित, और अकारण युद्ध के खिलाफ प्रतिबद्धता के साथ खड़े हैं.
इस संयुक्त बयान में कहा गया है कि सात देशों के समूह के नेता रूस के अवैध आक्रमण का मुकाबला करने में यूक्रेन की मदद करने के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं, ‘चाहे इतना जितना भी समय लगे.’ इस दौरान ग्रुप ऑफ सेवन के सदस्यों ने सभी के लिए कम सुरक्षा के साथ परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया के अंतिम लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए निरस्त्रीकरण और अप्रसार के प्रयासों को मजबूत करने का संकल्प लिया.
‘शांति के प्रतीक’ हिरोशिमा में, जी 7 सदस्यों ने यूक्रेन के साथ मिलकर अपने सभी नीतिगत उपकरणों को संगठित करने और यूक्रेन में जितनी जल्दी हो सके एक व्यापक, न्यायपूर्ण और स्थायी शांति लाने के लिए हर संभव प्रयास करने का का वचन दिया.
G7 सदस्यों ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के चार्टर का रूस द्वारा खुला उल्लंघन और बाकी दुनिया पर रूस के युद्ध के प्रभाव की निंदा की. इस बयान में आगे कहा गया है, ’15 महीने की रूस की आक्रामकता ने हजारों लोगों की जान ले ली है, यूक्रेन के लोगों को भारी पीड़ा दी है, और दुनिया के कई सबसे कमजोर लोगों के लिए भोजन और ऊर्जा तक पहुंच को खतरे में डाल दिया है.’
यूक्रेन में एक व्यापक, न्यायोचित और स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए G7 सदस्यों ने रूस से आग्रह किया कि वह अपनी बदस्तूर जारी आक्रामकता को रोके और तुरंत, पूरी तरह से और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यूक्रेन के पूरे क्षेत्र से बिना शर्त अपने सैनिकों और सैन्य उपकरणों को वापस ले ले. इस बयान में कहा गया है, ‘रूस ने यह युद्ध शुरू किया है और वही इस युद्ध को खत्म कर सकता है.’