बिलासपुर। ईडी और मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर रिटायर्ड अधिकारी से 54 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. अज्ञात आरोपियों ने पोर्न वीडियो अपलोड करने का आरोप लगकर एफआईआर की कॉपी भेजी. उसके बाद किस्तों में रकम लेकर आरोपियों ने ठगी की. मामले में ठग का शिकार हुए रिटायर्ड अधिकारी ने पुलिस से शिकायत की है. जिसपर मामला दर्ज पर साइबर सेल की टीम जांच में जुटी हुई है.
बिलासपुर के अज्ञेय नगर निवासी जय सिंह चंदेल केंद्र सरकार की नौकरी से रिटायर्ड अधिकारी हैं. उनके मोबाइल में बीते 24 जून को अज्ञात मोबाइल नम्बर से कॉल आया. फोन करने वाले ने उन पर पोर्न वीडियो अपलोड करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर की कॉपी भेजी. जिसपर उन्होंने इस मामले में शामिल नहीं होने की बात कही. इस पर उन्हें मामले की जांच मुंबई पुलिस के द्वारा करने का झांसा दिया गया. फिर शाम को उनके मोबाइल में दूसरे अनजान मोबाइल नम्बर से फोन आया. फोन करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी विनायक बावर बताकर कहा कि एक व्यक्ति के घर से 274 एटीएम बरामद हुआ है, उसमें से एक टीएम कार्ड उनका है.
पीड़ित चंदेल ने कहा कि उक्त बैंक में उनका एकाउंट नहीं है. इस पर उन्हें ईडी की जांच में मामला साफ होने की बात कहकर फोन काट दिया गया. इसके बाद 2 जुलाई को उन्हें फोन कर कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट में ये केस रजिस्टर्ड है. उसके अनुसार आपके बैंक में जमा पैसा के लेनदेन के बारे में जांच की जाएगी. जांच के लिए उनसे एक बैंक एकाउंट में सारे रुपये जमा करने के लिए कहा गया. ईडी और सुप्रीम कोर्ट के फर्जी आदेश दिखाकर उनसे 14 लाख 30 हजार रुपये जमा करा लिए गए. दूसरे दिन उन्हें बताया कि वे आरोपी नहीं हैं. जांच से बचने के लिए उन्हें म्यूचल फंड की भी जांच कराने कहा गया और जांच के लिए 35 लाख रुपये जमा कराया गया. 13 जुलाई को व्हाट्सएप पर फोन करके रुपये की जांच पूरी हो जाने की बात कही गई और 10 लाख सिक्यूरिटी डिपाजिट करने कहा गया.
जिसपर उन्होंने रुपये नहीं होने की बात कही और अपना पैसा वापस मांगा. फोनधारकों के द्वारा दबाव बनाने पर उन्होंने 5 लाख रुपये जमा कर दिया. उसके बाद आरोपियों ने उनका फोन उठाना बंद कर दिया. इस तरह से उनसे 54 लाख 30 हजार रुपये की आनलाइन ठगी कर ली गई. उन्हें आनलाइन ठगी के शिकार होने का अहसास हुआ, तो उन्होंने पुलिस के उच्च अधिकारियों से मामले की शिकायत की. साइबर सेल थाना में रिपोर्ट पर अज्ञात मोबाइलधारकों के खिलाफ बीएनएस की धारा 66 डी, 3, 5, 318 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया है.