चंडीगढ़: पंजाब में एक बार फिर पुलिस थाने पर रॉकेट लॉन्चर से हमले की घटना सामने आई है. तरनतारन जिले के थाना सरहाली के साथ लगते सांझ केंद्र में शुक्रवार देर रात रॉकेट लॉन्चर से हमला हुआ, जिसमें बिल्डिंग के शीशे टूट गए. हमला करने वाले की अब तक पहचान नहीं हो सकी है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. घटना शुक्रवार रात करीब 1 बजे की है और अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. इस साल अगस्त में पंजाब पुलिस के स्टेट इंटेलिजेंस हेड क्वार्टर मोहाली पर भी इसी तरह का रॉकेट लॉन्चर अटैक हुआ था. बाद में यह आतंकी हमला निकला था.
सरकाली में पुलिस थाने पर हमले की खबर मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए. रॉकेट लांचर थाने के लोहे के गेट से टकराया और सांझ केंद्र की ईमारत के पास जाकर गिरा, जिसके चलते ईमारत के शीशे और खिड़कियों को नुकसान पहुंचा. हमले दौरान एसएचओ प्रकाश सिंह के अलावा ड्यूटी अधकारी और 8 पुलिस कर्मी थाने में मौजूद थे. इस साल जुलाई में इसी मार्ग पर एक आतंकी को आईईडी के साथ पकड़ा गया था. अधिकारियों की मानें तो पकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की ओर से पंजाब का माहौल बिगड़ने का लगातार प्रयास किया जा रहा है.
इस साल 9 मई को मोहाली में खुफिया मुख्यालय पर हुए रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड हमले में पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसी और एटीएस महाराष्ट्र के साथ संयुक्त अभियान में मुख्य आरोपी चरत सिंह को गिरफ्तार किया है. वह तरनतारन जिले का रहने वाला है. पंजाब के डीजीपी ने इस गिरफ्तारी को बड़ी सफलता बताया था और पुष्टि की थी कि चरत सिंह कनाडा स्थित बीकेआई आतंकवादी लखबीर सिंह का एक प्रमुख सहयोगी है. इस हफ्ते की शुरुआत में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कथित मास्टरमाइंड लखबीर सिंह लांडा को आरपीजी हमले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. पुलिस ने कहा कि गैंगस्टर लांडा भी तरनतारन जिले का निवासी था और 2017 में कनाडा चला गया था.